कसभा चुनाव की सबसे अहम सीट वाराणसी में 1 जून को सातवें चरण में मतदान होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार 2014 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी से चुनाव लड़े थे, जब उनका मुकाबला अरविंद केजरीवाल से हुआ था. इस बार कांग्रेस ने पीएम मोदी के खिलाफ अजय राय को मैदान में उतारा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में अधिक मतदान और बेहतर प्रशासन के लिए गुजरात के तीन बड़े नेताओं ने मोर्चा संभाल लिया है.
प्रदेश के इन बड़े नेताओं ने वाराणसी में संभाला मोर्चा
जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार वाराणसी से चुने गए, तो गुजरात भाजपा अध्यक्ष सी.आर. पाटिल ने काफी समय तक वहां डेरा जमाया था. इस बार भी सी.आर. पाटिल की ड्यूटी वाराणसी सीट पर है. उनकी टीम सूक्ष्म प्रबंधन पर विचार कर रही है। इसके अलावा गुजरात बीजेपी प्रभारी और प्रदेश महामंत्री (संगठन) रत्नाकर भी सक्रिय हो गए हैं. वहीं स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेष पटेल भी वाराणसी में हैं. बीजेपी की कोशिश है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी सीट से बड़े अंतर से हैट्रिक बनाएं.
वाराणसी में बीजेपी सीआर. पाटिल के नेतृत्व में पन्ना प्रमुख और पेज कमेटी का प्रयोग किया गया। पाटिल के नेतृत्व में यह टीम मतदान शाम तक वाराणसी में सक्रिय रहेगी. पाटिल की टीम में युवाओं को अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। जिसमें पर्ची वितरण से लेकर रिपोर्टिंग और मॉनिटरिंग तक का काम शामिल है।
माइक्रो मैनेजमेंट में बीजेपी आगे
रिपोर्ट्स के मुताबिक माइक्रो मैनेजमेंट में बीजेपी ‘भारत’ गठबंधन से आगे है. बीजेपी ने वाराणसी सीट पर 80 साल से अधिक उम्र के मतदाताओं को बुलाने का काम पूरा कर लिया है. वोटिंग में बुजुर्गों की भागीदारी कम न हो इसके लिए बीजेपी ने अपनी तरफ से यह प्रयोग किया है. इतना ही नहीं, बीजेपी ने पूरे संसदीय क्षेत्र में पन्ना अध्यक्ष और पन्ना समिति प्रमुखों की नियुक्ति कर दी है. बीजेपी के पास इन सभी पन्ना अध्यक्षों और पन्ना समिति प्रमुखों का ब्यौरा है. इन सभी के जन्मदिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सीधा संदेश उनके मोबाइल नंबर और ईमेल पर पहुंचता है.