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आतंकी हमला: पाकिस्तान से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा के अखनूर सेक्टर के केरी बट्टल इलाके में बने शिव मंदिर के पास आतंकियों ने सेना की एंबुलेंस पर फायरिंग की. इसके बाद जवानों ने 3 आतंकियों को मार गिराया. आपको बता दें कि यह आतंकी हमला सोमवार सुबह करीब 6.30 बजे किया गया.

बच्चों को बनाया बंधक
रोज की तरह गांव के तीन बच्चे शिव मंदिर में दर्शन के बाद पढ़ने जा रहे थे, तभी मंदिर में छिपे आतंकियों ने उन्हें रोक लिया. आतंकी बच्चों से उनके मोबाइल फोन सौंपने की मांग कर रहे थे। जब बच्चों ने आतंकियों से कहा कि उनके पास मोबाइल फोन नहीं है तो वे भड़क गए और बच्चों को पीटना शुरू कर दिया और उनकी तलाशी ली.

बच्चों के मुताबिक, एक आतंकी ने उन पर पिस्तौल भी तान दी, लेकिन बाद में आतंकियों ने अचानक उन्हें मंदिर से भाग जाने के लिए कहा. इसके बाद बच्चे तुरंत अपने घर लौट आए और अपने माता-पिता को गांव के मंदिर में आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में बताया. जिसके बाद उन्होंने सुरक्षा बलों को इसकी सूचना दी.

एंबुलेंस पर अंधाधुंध फायरिंग
घटना के कुछ देर बाद जब सेना की एक एंबुलेंस मंदिर के सामने से गुजरी तो आतंकियों ने उस पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी. उस वक्त एंबुलेंस में एक ड्राइवर और एक अन्य व्यक्ति बैठे थे. एम्बुलेंस केरी के सैन्य शिविर की ओर जा रही थी। एंबुलेंस में बैठे लोगों ने किसी तरह झुककर अपनी जान बचाई.

इस क्षेत्र में तैनात हैं सेना की तीन टुकड़ियां
इस क्षेत्र में सेना की तीन टुकड़ियां तैनात हैं, सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण सेना की प्रत्येक इकाई को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए एक एम्बुलेंस उपलब्ध कराई जाती है। कुछ देर बाद सैन्य शिविर में मोटरसाइकिलों पर सवार कुछ कुली (सैन्य शिविरों में काम करने वाले सामान्य नागरिक) भी मंदिर के पास से गुजरे, जिन्हें देखकर आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी, लेकिन वे भी किसी तरह भागने में सफल रहे। बाद में सेना के जवानों ने उन आतंकियों को मार गिराया.

ड्रोन से की जा रही है निगरानी
सुबह 9 बजे के आसपास सेना ने केरी बटल के इस इलाके को पूरी तरह से घेर लिया था और सेना के विमानों और ड्रोन की मदद से आतंकियों पर नजर रखी जा रही थी. अब तीन आतंकी मारे गए हैं. सुरक्षा बलों को सीमावर्ती इलाकों की ओर जाने वाली सड़कों पर तैनात किया गया और वहां से गुजरने वाले वाहनों की तलाशी शुरू कर दी गई ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आतंकवादी किसी वाहन को अपहरण कर भाग न जाएं।