पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद की 27वीं बैठक केंद्रीय मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में महाराष्ट्र के पुणे में आयोजित की गई

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केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र के पुणे में पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद की 27वीं बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में महाराष्ट्र, गुजरात और गोवा के मुख्यमंत्रियों, दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव के प्रशासक और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री सहित कई गणमान्य लोगों ने भाग लिया। बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, अंतर-राज्य परिषद सचिवालय के सचिव, सहकारिता मंत्रालय के सचिव, पश्चिमी क्षेत्र के राज्यों के मुख्य सचिव और राज्य और केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

 

क्षेत्रीय परिषद की भूमिका सलाहकार प्रकृति की है।

अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा कि क्षेत्रीय परिषद की भूमिका सलाहकार प्रकृति की है, लेकिन हाल के वर्षों में ये बैठकें विभिन्न राज्यों द्वारा अपनाई गई सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने और राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच के रूप में विकसित हुई हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि क्षेत्रीय परिषद की बैठकों के माध्यम से देश ने संवाद, सहभागिता और सहयोग से संचालित समावेशी समाधान और समग्र विकास को सफलतापूर्वक बढ़ावा दिया है।

रणनीतिक निर्णय लेने के लिए एक मंच के रूप में स्थापित

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सम्पूर्ण सरकारी कार्यप्रणाली मंत्र से मार्गदर्शक संस्कृति में परिवर्तित हो गई है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि क्षेत्रीय परिषदें औपचारिक संस्थाओं के रूप में अपनी पारंपरिक भूमिका से आगे बढ़कर एक रणनीतिक निर्णय लेने वाले मंच के रूप में उभरी हैं। इस मंच के माध्यम से, विशेषकर पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठकों में कई महत्वपूर्ण और परिवर्तनकारी निर्णय लिए गए हैं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि इन बैठकों से दीर्घकालिक मुद्दों को व्यापक और एकीकृत तरीके से सुलझाने के लिए नवीन समाधानों और प्रयासों के आदान-प्रदान में सुविधा हुई है।

संतुलित एवं सर्वांगीण विकास के लिए एक मानक के रूप में वर्णित

गृह मंत्री ने देश की अर्थव्यवस्था में पश्चिमी क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि विश्व के साथ भारत के व्यापार में आधे से अधिक हिस्सा पश्चिमी क्षेत्र का है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उत्तरी और मध्य क्षेत्र भी वैश्विक व्यापार के लिए पश्चिमी क्षेत्र पर निर्भर हैं। श्री अमित शाह ने बताया कि पश्चिमी क्षेत्र में बंदरगाहों और शहरी विकास सुविधाओं सहित प्रमुख बुनियादी ढांचा सुविधाएं न केवल अपने राज्यों को बल्कि जम्मू और कश्मीर, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे अन्य राज्यों को भी सेवा प्रदान करती हैं। उन्होंने आगे कहा कि पश्चिमी क्षेत्र देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 25% का योगदान देता है और यहां ऐसे उद्योग हैं जहां 80 से 90% परिचालन होता है। इसके आर्थिक महत्व को ध्यान में रखते हुए उन्होंने पश्चिमी क्षेत्र को देश भर में संतुलित और सर्वांगीण विकास के लिए एक बेंचमार्क बताया।

कोविड-19 महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद 61 बैठकें आयोजित की गईं

अमित शाह ने इस बात पर जोर दिया कि 2014 में नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से क्षेत्रीय परिषदें महज औपचारिक संस्थाओं से आगे बढ़कर सार्थक बदलाव लाने वाले गतिशील मंचों में बदल गई हैं। उन्होंने उनकी गतिविधियों में उल्लेखनीय वृद्धि पर जोर देते हुए कहा कि 2004 से 2014 तक केवल 25 बैठकें आयोजित की गईं, जबकि 2014 से फरवरी 2025 तक, कोविड-19 महामारी द्वारा उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद, कुल 61 बैठकें आयोजित की गईं – 140% की वृद्धि। इसी तरह, उन्होंने बताया कि 2004 से 2014 तक 469 विषयों पर चर्चा की गई थी, लेकिन 2014 से फरवरी 2025 तक यह संख्या बढ़कर 1,541 हो गई, जो 170% की वृद्धि दर्शाती है। इस मुद्दे के समाधान के संदर्भ में, पिछले दशक में केवल 448 मामले ही सुलझाए गए, जबकि पिछले दस वर्षों में यह संख्या 1,280 थी।

एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर और सामूहिक संतुष्टि का स्रोत

अमित शाह ने कहा कि सरकार क्षेत्रीय परिषद की बैठकों में उल्लिखित विषय क्षेत्रों में शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रही है। उन्होंने वित्तीय सुगमता बढ़ाने में हुई महत्वपूर्ण प्रगति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रत्येक गांव के 05 किलोमीटर के भीतर बैंक शाखाएं या डाक बैंकिंग सुविधाएं स्थापित करने का लक्ष्य लगभग प्राप्त कर लिया गया है। आज की बैठक में इस दूरी को घटाकर 03 किलोमीटर करने का नया लक्ष्य रखा गया, जिससे अधिक सुगमता सुनिश्चित होगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सभी राज्यों के सहयोग से संभव हुई यह उपलब्धि एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर और सामूहिक संतुष्टि का स्रोत है।

शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के महत्व पर प्रकाश डाला

अमित शाह ने माना कि पश्चिमी क्षेत्र के राज्य देश के सबसे समृद्ध राज्यों में से हैं। हालांकि, उन्होंने इन राज्यों में बच्चों और नागरिकों में कुपोषण और बौनेपन की व्यापकता पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने पश्चिमी क्षेत्र के मुख्यमंत्रियों, मंत्रियों और प्रधान सचिवों से आग्रह किया कि वे समग्र स्वास्थ्य में सुधार के लिए कुपोषण के उन्मूलन को प्राथमिकता दें। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अच्छा स्वास्थ्य केवल दवाओं और अस्पतालों पर निर्भर नहीं करता है; इसके बजाय, यह सुनिश्चित करने के प्रयास किए जाने चाहिए कि बच्चों और नागरिकों को इसकी आवश्यकता ही न पड़े। गृह मंत्री ने बच्चों में बौनेपन की समस्या पर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता पर बल दिया तथा इसके समाधान के लिए हर संभव कदम उठाने का आह्वान किया। इसके अलावा, उन्होंने स्कूल छोड़ने की दर को कम करने और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के महत्व पर प्रकाश डाला।

दालों के आयात पर चिंता व्यक्त की गई

केंद्रीय गृह मंत्री ने दालों के आयात पर चिंता व्यक्त की और घरेलू उत्पादन बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि पहले किसानों को दालों के उचित मूल्य पाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता था, लेकिन अब सरकार ने एक मोबाइल एप्लीकेशन विकसित किया है जो न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर उनकी उपज की 100% सीधी खरीद की सुविधा प्रदान करता है। उन्होंने पश्चिमी राज्यों से इस एप्लीकेशन को सक्रिय रूप से बढ़ावा देने और किसान पंजीकरण को प्रोत्साहित करने, उचित मूल्य सुनिश्चित करने और दालों के उत्पादन में देश की आत्मनिर्भरता में योगदान देने का आग्रह किया।

सहकारी बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए सभी आवश्यक कदम उठाना

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘सहकार से समृद्धि’ के विजन पर प्रकाश डालते हुए श्री अमित शाह ने जोर देकर कहा कि देश में शत-प्रतिशत रोजगार प्राप्त करने के लिए सहकारिता ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसीएस) को मजबूत करने, उन्हें बहुआयामी बनाने और ‘सहकार से समृद्धि’ की पूरी क्षमता का एहसास कराने के लिए तैयार की गई 56 से अधिक पहलों को प्रभावी ढंग से लागू करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने महाराष्ट्र, गुजरात और गोवा से जमीनी स्तर पर एक मजबूत सहकारी बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया।

एक सुपरिभाषित रोडमैप के उपयोग के महत्व पर बल दिया गया

तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन का उल्लेख करते हुए, केंद्रीय गृह मंत्री ने जोर देकर कहा कि अब समय आ गया है कि नागरिकों को उनके संवैधानिक अधिकारों का शत-प्रतिशत लाभ मिले। उन्होंने आगे कहा कि आने वाले दिनों में डिजिटल बुनियादी ढांचे और साइबर अपराध से जुड़े मुद्दों को भी अंतर-राज्यीय परिषद के दायरे में लाया जाएगा। उन्होंने राज्यों से इस विकास के लिए सक्रिय रूप से तैयारी करने का आग्रह किया। अमित शाह ने देश और व्यक्तिगत राज्यों दोनों के दीर्घकालिक आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने के लिए वर्तमान प्रयासों और अच्छी तरह से परिभाषित रोडमैप का उपयोग करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने 100% विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए क्षेत्रीय सम्मेलनों के रणनीतिक मंच का उपयोग करके विकास क्षमता को अधिकतम करने की आवश्यकता पर बल दिया।

27वीं बैठक में कुल 18 मुद्दों पर चर्चा हुई।

पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद की 27वीं बैठक में कुल 18 मुद्दों पर चर्चा की गई। बैठक में सदस्य देशों और समग्र रूप से देश से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। इनमें भूमि हस्तांतरण, खनन, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बलात्कार के मामलों की त्वरित जांच, बलात्कार और पोक्सो अधिनियम के मामलों के त्वरित निपटान के लिए फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (एफटीएससी) योजना का कार्यान्वयन, आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली (ईआरएसएस-112), प्रत्येक गांव में बैंक शाखाएं/डाक बैंकिंग सुविधाएं, रेलवे परियोजनाएं और खाद्य सुरक्षा मानकों से संबंधित मुद्दे आदि शामिल हैं।

सर्वोत्तम प्रथाओं को भी साझा किया गया।

इसके अलावा राष्ट्रीय महत्व के 6 मुद्दों पर भी चर्चा की गई, जिनमें शामिल हैं – शहरी मास्टर प्लान और किफायती आवास, बिजली प्रबंधन/आपूर्ति, पोषण अभियान के माध्यम से बच्चों में कुपोषण को खत्म करना, स्कूली बच्चों की ड्रॉप-आउट दर को कम करना, आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में सरकारी अस्पतालों की भागीदारी, प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसीएस) को मजबूत करना। बैठक में सदस्य राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा अपनाई गई सर्वोत्तम प्रथाओं को भी साझा किया गया।

भूपेन्द्र पटेल भी उपस्थित थे।

बैठक के दौरान अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री ने पुणे को न केवल महाराष्ट्र बल्कि पूरे देश की सांस्कृतिक राजधानी बताया। उन्होंने पुणे के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज, महान पेशवा और लोकप्रिय बाल गंगाधर तिलक ने विभिन्न क्षेत्रों में राष्ट्र की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने बैठक के सफल आयोजन और बेहतरीन व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को भी धन्यवाद दिया। बैठक में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी शामिल हुए। गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेशभाई पटेल और गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी भी शामिल हुए।

राज्यों में संतृप्ति बिंदु प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण कार्य किया गया

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के विकास में सभी राज्यों की सामूहिक भागीदारी के साथ सहकारी संघवाद की एक नई परिभाषा दी है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि विगत वर्षों में क्षेत्रीय परिषद की बैठकें आपसी सहयोगात्मक प्रयासों से आम समस्याओं के समाधान के लिए उपयोगी साबित हुई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राज्यों में जनकल्याणकारी योजनाओं को शत-प्रतिशत संतृप्ति बिंदु तक क्रियान्वित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य किया जा रहा है।

स्वचालन पर एक प्रस्तुति भी दी गई।

इस बैठक में, सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान के अंतर्गत गुजरात सरकार के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की सार्वजनिक वितरण प्रणाली में पारदर्शिता, सटीकता और गति लाने वाली आपूर्ति श्रृंखला स्वचालन पर एक प्रस्तुति भी प्रस्तुत की गई। बैठक में बैठक के अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमितभाई शाह द्वारा दिए गए सुझावों पर राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने तत्काल कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। इस बैठक में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के साथ मुख्य सचिव पंकज जोशी, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव एम के दास और वरिष्ठ सचिव भी मौजूद थे।