हिमाचल में बारिश से तबाही: 257 लोगों की मौत, सड़कें और बिजली गुल
हिमाचल प्रदेश में रूद्र नृत्य कर रही मानसूनी बारिश ने पूरे राज्य में बड़ी मुसीबतें खड़ी कर दी हैं। सड़कें, बिजली व्यवस्था और जलापूर्ति योजनाएँ बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई हैं, और मरने वालों की संख्या भी बढ़ रही है। हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एचपीएसडीएमए) की एक रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार सुबह तक राज्य भर में 374 सड़कें, 524 बिजली ट्रांसफार्मर और 145 जलापूर्ति योजनाएँ ठप थीं।
भूस्खलन और बाढ़ के कारण संपर्क विच्छेद:
भूस्खलन और बाढ़ के कारण दो राष्ट्रीय राजमार्गों, NH-305 और NH-05 सहित कई सड़कें पूरी तरह से अवरुद्ध हो गई हैं। मंडी, कुल्लू और किन्नौर ज़िले बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। लगातार बारिश और ताज़ा भूस्खलन के कारण सड़कों के जीर्णोद्धार कार्य में बाधा आ रही है। मंडी ज़िले में 203 सड़कें बंद हैं और 458 ट्रांसफार्मर काम नहीं कर रहे हैं। कुल्लू ज़िले में NH-305 पर Z (खनाग) के पास हुए एक बड़े भूस्खलन सहित 79 सड़कें अवरुद्ध हैं। चंबा (24), कांगड़ा (41) और मंडी (44) ज़िलों में जलापूर्ति परियोजनाएँ भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुई हैं।
मृतकों की संख्या बढ़कर 257 हुई
एचपीएसडीएमए ने बताया कि 20 जून को मानसून शुरू होने के बाद से अब तक 257 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें से 133 लोगों की मौत भूस्खलन, बाढ़, मकान ढहने और आंधी-तूफान जैसी बारिश से जुड़ी घटनाओं में हुई। 124 अन्य लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं में हुई, जिनमें से ज़्यादातर फिसलन भरी सड़कों और कम दृश्यता के कारण हुईं। कांगड़ा में 28, मंडी में 26, कुल्लू में 11 और चंबा में बारिश से जुड़ी घटनाओं में 10 लोगों की मौत हुई। बिलासपुर, किन्नौर, शिमला, सिरमौर, सोलन, लाहौल-स्पीति, हमीरपुर और ऊना में भी मौतें हुईं।
सड़क दुर्घटनाएं:
बारिश के कारण सड़कों की खराब स्थिति के कारण सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में भी काफी वृद्धि हुई है। एचपीएसडीएमए के अधिकारियों ने बताया कि कांगड़ा में 12, किन्नौर में 12, मंडी में 21, शिमला में 15 और चंबा में 20 लोगों की मौत हो गई।
संपत्ति को भारी नुकसान:
मानसून के कारण कुल संपत्ति का नुकसान 2,14,403 लाख रुपये से अधिक हो गया है। सड़कों, बिजली लाइनों और जल आपूर्ति प्रणालियों जैसे सार्वजनिक बुनियादी ढाँचों को भारी नुकसान हुआ है। हज़ारों घर पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इसके अलावा, 1,39,46 लाख रुपये की फसलें नष्ट हो गई हैं।
भारी बारिश जारी रहेगी
आने वाले दिनों में भारी बारिश जारी रहने की संभावना को देखते हुए, प्राधिकरण ने निवासियों और यात्रियों को अनावश्यक यात्रा से बचने और विशेष रूप से पहाड़ी इलाकों में सावधानी बरतने की सलाह दी है। जनता से मौसम संबंधी चेतावनियों पर ध्यान देने और किसी भी आपात स्थिति की सूचना स्थानीय अधिकारियों को देने का आग्रह किया गया है।
बचाव अभियान जारी
कठिन परिस्थितियों के बावजूद बचाव और बहाली कार्य जारी है। हालाँकि, हिमाचल प्रदेश आगे की चुनौतियों का सतर्कतापूर्वक इंतज़ार कर रहा है क्योंकि मानसून लगातार तेज़ हो रहा है।
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