पाकिस्तान में विद्रोही हमलों के बीच एक सप्ताह में 2,500 सैनिक सेना छोड़कर चले गए

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इस्लामाबाद: हाल ही में बलूचिस्तान और अन्य प्रांतों से विद्रोहियों द्वारा पाकिस्तानी सेना पर हमले बढ़ गए हैं। ऐसे में इस हमले का गंभीर असर पाकिस्तानी सेना के भीतर देखा जा रहा है। ऐसी खबरें सामने आई हैं कि बढ़ते हमलों के बीच पाकिस्तानी सेना में बड़ी संख्या में सैनिकों ने अपनी नौकरियां छोड़नी शुरू कर दी हैं। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि महज एक सप्ताह में पाकिस्तानी सेना के 2,500 सैनिकों ने इस्तीफा देकर अपनी नौकरी छोड़ दी है। 

यह दावा काबुल फ्रंटलाइन मीडिया की एक रिपोर्ट में किया गया है। इसमें आगे कहा गया है कि उग्रवादियों के बढ़ते हमलों और पाकिस्तान की कमजोर आर्थिक स्थिति सहित कई मुद्दों को देखते हुए पाकिस्तानी सैनिकों ने अपनी नौकरियां छोड़नी शुरू कर दी हैं। सेना छोड़ चुके लोग भी पाकिस्तान को अलविदा कह रहे हैं और सऊदी अरब, कतर, कुवैत या यूएई जैसे अन्य मुस्लिम देशों में जाकर रोजगार की तलाश कर रहे हैं। अपने जीवन को जोखिम में डालने के बजाय, वे अपने परिवारों की चिंता के कारण विदेश जाकर या अन्य छोटी-मोटी नौकरियां करके वित्तीय सुरक्षा प्राप्त करने का विकल्प चुन रहे हैं। 

सेना से सैनिकों के भागने की बढ़ती दर की ये खबरें ऐसे समय में सामने आ रही हैं जब बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने पाकिस्तान में सैन्य अभियान शुरू किया है। सेना पर हमले बढ़ गए हैं। हाल ही में क्वेटा के निकट जाफर एक्सप्रेस ट्रेन का अपहरण कर लिया गया था, जिसमें विद्रोहियों ने दावा किया था कि 200 से अधिक सैनिक मारे गए, जबकि बाद में उन्होंने दावा किया कि सेना के काफिले में 90 से अधिक सैनिक मारे गए। पिछले 48 घंटों में पाकिस्तान में 57 बड़े और छोटे हमले हुए हैं। ये हमले टीटीपी और बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी द्वारा किये गये हैं। विद्रोहियों ने स्नाइपर शॉट्स, ग्रेनेड हमलों, आईईडी विस्फोटों और गोलीबारी के जरिए पाकिस्तान पर कब्जा कर लिया है। विद्रोहियों ने दावा किया है कि इन 48 घंटों में हुए हमलों में 100 से अधिक लोग मारे गए हैं, जिनमें ट्रेन अपहरण की घटना शामिल नहीं है।