कराची जेल से 22 भारतीय मछुआरे रिहा, शनिवार को वाघा बॉर्डर से होगी वापसी

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पाकिस्तानी अधिकारियों ने कराची की मलीर जेल से 22 भारतीय मछुआरों को रिहा कर दिया है। संभावना है कि शनिवार को उन्हें वाघा बॉर्डर पर भारत को सौंप दिया जाएगा।

सजा पूरी होने पर जेल से मिली रिहाई

मलीर जेल के अधीक्षक अरशद शाह के अनुसार, मछुआरों को उनकी सजा पूरी होने के बाद शुक्रवार को रिहा किया गया। मानवतावादी संगठन ईदी फाउंडेशन के अध्यक्ष फैसल ईदी ने उनकी लाहौर तक की यात्रा की व्यवस्था की, जहां से वे भारत लौटने के लिए आगे बढ़ेंगे।

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परिवारों की पीड़ा और रिहाई की अपील

फैसल ईदी ने मछुआरों के परिवारों की कठिनाइयों को उजागर करते हुए उनकी शीघ्र रिहाई और वापसी की आवश्यकता पर जोर दिया। पाकिस्तान के अधिकारी भारतीय मछुआरों को वाघा सीमा तक पहुंचाते हैं, जहां भारतीय अधिकारी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उनकी वापसी सुनिश्चित करते हैं।

सीमा उल्लंघन के कारण गिरफ्तारी

अक्सर मछुआरे समुद्री सीमाओं को पार कर गलती से दूसरे देश के जलक्षेत्र में चले जाते हैं, जिससे दोनों देशों की नौसेना उन्हें गिरफ्तार कर लेती है।

1 जनवरी को भारत और पाकिस्तान के बीच कैदियों की सूची का आदान-प्रदान हुआ, जिसमें बताया गया कि:

  • पाकिस्तान की जेलों में 266 भारतीय कैदी हैं, जिनमें 217 मछुआरे शामिल हैं।
  • भारत की जेलों में 462 पाकिस्तानी कैदी हैं, जिनमें 81 मछुआरे शामिल हैं।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने केंद्र से मदद मांगी

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने केंद्र सरकार से श्रीलंका में कैद भारतीय मछुआरों को छुड़ाने के लिए प्रभावी कूटनीतिक कदम उठाने की मांग की।

उन्होंने विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर को पत्र लिखकर श्रीलंका में गिरफ्तार मछुआरों और उनकी नावों की तत्काल रिहाई सुनिश्चित करने के लिए ठोस राजनयिक उपाय करने और संयुक्त कार्य समूह (JWG) की बैठक बुलाने का अनुरोध किया।