साल 2024 अपने खट्टी-मीठी यादों के साथ विदाई लेने वाला है, जबकि 2025 का दुनिया भर में बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है। न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया उन देशों में शामिल हैं, जहां नए साल ने सबसे पहले दस्तक दी। इसके बाद पाकिस्तान और अफगानिस्तान का नंबर भारत के बाद आएगा। इस बीच, पाकिस्तान के लिए वर्ष 2024 बुरे सपने की तरह गुजरा, खासकर पाकिस्तानी सेना के लिए।
आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारी नुकसान
इस्लामाबाद स्थित एक रिसर्च समूह ने कहा है कि 2024 में पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने उग्रवाद से लड़ते हुए पिछले एक दशक में सबसे ज्यादा जान गंवाई। इस वर्ष पाकिस्तान भर में कुल 444 आतंकी हमले हुए, जिसमें औसतन प्रतिदिन सात लोगों की जान गई। यह रिपोर्ट ऐसे समय में सामने आई है जब पाकिस्तान का तालिबान सरकार के साथ तनाव चरम पर है।
सुरक्षा चौकियों पर हमले
सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह वर्ष पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के लिए पिछले नौ वर्षों में सबसे घातक रहा। रिपोर्ट में कहा गया है, “औसतन, प्रतिदिन लगभग सात लोगों की जान गई,” जिसमें “कम से कम 685 मौतें और 444 आतंकवादी हमले” शामिल थे।
हाल ही में, टीटीपी के आतंकियों ने खैबर पख्तूनख्वा जिले में एक सैन्य चौकी पर कब्जा कर लिया। स्थानीय पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस हमले में एक पुलिसकर्मी और एक बच्चे की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हुए। टीटीपी ने पूरे देश में सुरक्षा बलों को निशाना बनाते हुए आतंकवादी हमलों को अंजाम दिया है।
बढ़ते हमले और सुरक्षा स्थिति
पाकिस्तान इंस्टीट्यूट फॉर कॉन्फ्लिक्ट एंड सिक्योरिटी स्टडीज के प्रबंध निदेशक अब्दुल्ला खान ने बताया कि 2024 में आतंकवादी हमलों में 40% की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा, “इस वर्ष अधिकारियों ने 950 आतंकवादियों को मार गिराया, जबकि आतंकवादी हमलों में 527 सुरक्षा बल और 489 नागरिक मारे गए।”
इस प्रकार, पाकिस्तान में 2024 का साल आतंकवाद और सुरक्षा बलों की क्षति के दृष्टिकोण से बेहद चुनौतीपूर्ण रहा है, और अब सभी की निगाहें अगले साल पर हैं कि क्या स्थिति में सुधार होगा।