केरल के कोल्लम में 19 साल पुराने एक जघन्य हत्याकांड का खुलासा पुलिस ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से किया। 10 फरवरी 2006 को हुई इस घटना में एक बिनब्याही मां और उसके 17 दिन के जुड़वा बच्चों की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। हत्या का आरोप दो सेना के जवानों पर था, जो लंबे समय से फरार थे।
घटना का विवरण: पंचायत ऑफिस से लौटी मां को मिला खौफनाक दृश्य
कोल्लम के अलायमॉन इलाके में रहने वाली संथम्मा 10 फरवरी 2006 को जब पंचायत ऑफिस से अपने घर लौटीं, तो उनकी बेटी रंजिनी और उसके 17 दिन के जुड़वा बच्चों के खून से लथपथ शव देख उनकी दुनिया उजड़ गई।
- हत्या की शैली: तीनों का गला बेरहमी से काटा गया था।
- मामले की जटिलता: शुरुआती जांच में पुलिस को अपराधियों के बारे में कोई ठोस सबूत नहीं मिला, जिससे मामला सीबीआई को सौंप दिया गया।
पुलिस की जांच: रिश्ते, धोखा और हत्या की साजिश
जांच में सामने आया कि मृतक रंजिनी का अफेयर सेना के जवान डिविल कुमार से था।
- रंजिनी की प्रेग्नेंसी: डिविल और रंजिनी के बीच अफेयर के दौरान वह गर्भवती हो गई। रंजिनी ने गर्भपात से इनकार कर दिया, जिससे उनका रिश्ता टूट गया।
- डिविल की दूरी: रंजिनी के गर्भवती होने के बाद डिविल पठानकोट के मिलिट्री कैंप चला गया।
- महिला आयोग का हस्तक्षेप: राज्य महिला आयोग ने आदेश दिया कि डिविल को पठानकोट से बुलाकर उसका डीएनए टेस्ट किया जाए।
नाम बदलकर दोस्ती और साजिश
रंजिनी की डिलीवरी से पहले सेना का एक अन्य जवान राजेश, जिसने खुद को अनिल कुमार बताया, उससे मिला।
- फरेब की शुरुआत: राजेश ने रंजिनी को सिजेरियन डिलीवरी के लिए खून की जरूरत का झांसा दिया और उसकी मदद करने का नाटक किया।
- घर ढूंढने में मदद: राजेश ने रंजिनी को उसके परिवार से दूर एक किराए का घर दिलाया, यह कहते हुए कि इससे उसे पड़ोसियों और रिश्तेदारों के ताने नहीं सुनने पड़ेंगे।
- संथम्मा को बहाना बनाकर घर से बाहर भेजा: 10 फरवरी को राजेश ने संथम्मा को पंचायत ऑफिस जाने के लिए कहा, ताकि बच्चों के जन्म के कागजात जमा किए जा सकें। इसी दौरान उसने रंजिनी और उसके बच्चों की हत्या कर दी।
हत्या का सुराग: दोपहिया वाहन और पठानकोट के तार
क्राइम सीन से पुलिस को एक दोपहिया वाहन का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट मिला।
- तार जुड़े: रजिस्ट्रेशन की जांच करते हुए पुलिस को सुराग मिला कि यह वाहन पठानकोट के मिलिट्री कैंप से जुड़ा है।
- राजेश और डिविल: दोनों सेना में तैनात थे और हत्या के बाद गायब हो गए थे।
कैसे सुलझा केस: AI की भूमिका
केरल पुलिस के एडीजीपी (लॉ एंड ऑर्डर) मनोज अब्राहम ने बताया कि पुलिस की तकनीकी इंटेलिजेंस विंग ने डिजिटल एनालिसिस और AI का सहारा लिया।
- AI की मदद से आरोपियों की पहचान:
- आरोपियों की पुरानी तस्वीरों को विकसित कर यह अनुमान लगाया गया कि वे 19 साल बाद कैसे दिख सकते हैं।
- AI ने चेहरों और हेयर स्टाइल का मिलान किया।
- इन तस्वीरों को सोशल मीडिया प्रोफाइल्स से मिलाया गया।
- सफलता: फेसबुक पर एक शादी की तस्वीर AI से 90% मैच कर गई, जिसने आरोपियों का पता लगाने में मदद की।
19 साल बाद अपराधी गिरफ्त में
AI और तकनीकी जांच के आधार पर पुलिस ने फरार आरोपियों डिविल कुमार और राजेश को गिरफ्तार कर लिया।
- केस की महत्वपूर्ण कड़ी: तकनीकी और डिजिटल उपकरणों का इस्तेमाल पुराने पेंडिंग मामलों को हल करने में कारगर साबित हुआ।