नई दिल्ली। अमेरिका में नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शासनकाल के दौरान करीब 18 हजार भारतीयों को देश से बाहर निकाला जा सकता है। यह जानकारी अमेरिकी इमीग्रेशन एंड कस्टम इंफोर्समेंट (ICE) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों में सामने आई है। ट्रंप की कड़ी इमिग्रेशन पॉलिसी के तहत यह कदम उठाया जा सकता है।
17,940 भारतीयों पर मंडरा रहा डिपोर्टेशन का खतरा
आईसीई के आंकड़ों के मुताबिक, अमेरिका में 17,940 भारतीय उन 1.45 मिलियन अवैध प्रवासियों में शामिल हैं, जिन्हें डिपोर्ट किए जाने का खतरा है। ट्रंप के बॉर्डर सिक्योरिटी एजेंडा के तहत अमेरिका में बिना उचित दस्तावेजों के रह रहे प्रवासियों को डिपोर्ट करना उनकी प्राथमिकता है।
डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी 2025 को अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। वह हमेशा से प्रवासियों के लिए सख्त इमिग्रेशन नीति के समर्थक रहे हैं। यह रिपोर्ट नवंबर 2024 में आईसीई द्वारा जारी की गई थी।
कानूनी प्रक्रिया के लंबे इंतजार में भारतीय प्रवासी
आईसीई की रिपोर्ट के अनुसार, 17,940 भारतीयों को उस सूची में रखा गया है, जिन्हें डिपोर्ट करने का अंतिम आदेश मिल चुका है, लेकिन वे अभी आईसीई की हिरासत में नहीं हैं। इनमें से कई प्रवासियों ने पिछले तीन साल या उससे अधिक समय तक कानूनी प्रक्रिया का सामना किया है।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारत उन 15 देशों में शामिल है, जिन पर अमेरिका ने डिपोर्टेशन प्रक्रिया में सहयोग न करने का आरोप लगाया है।
गैर-कानूनी प्रवेश में भारत 13वें स्थान पर
आंकड़ों के अनुसार, पिछले 3 सालों में लगभग 90,000 भारतीयों को अमेरिका की सीमा में गैर-कानूनी तरीके से प्रवेश करते हुए पकड़ा गया है। इन प्रवासियों में ज्यादातर लोग पंजाब, गुजरात, और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों से आते हैं।
हालांकि, डिपोर्टेशन की सूची में सबसे अधिक प्रवासी उन देशों से हैं, जो अमेरिका की सीमा के नजदीक स्थित हैं:
- होंडुरास: 2,61,000 अवैध प्रवासी
- ग्वाटेमाला: 2,53,000 अवैध प्रवासी
- चीन: एशिया में 37,908 प्रवासियों के साथ पहले स्थान पर
कुल मिलाकर भारत 17,940 प्रवासियों के साथ 13वें स्थान पर है।
ट्रंप की सख्त इमिग्रेशन नीतियों का असर
डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद इमिग्रेशन पॉलिसी के तहत बिना दस्तावेज वाले प्रवासियों पर सख्त कार्रवाई की उम्मीद है। ट्रंप प्रशासन के पिछले कार्यकाल में भी इमिग्रेशन पर सख्ती देखी गई थी। उनकी नीतियों का मुख्य उद्देश्य अवैध प्रवास को रोकना और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करना है