विश्व भर में रोजगार के क्षेत्र में बड़े बदलाव होने वाले हैं। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले पांच सालों में कुछ क्षेत्रों में नौकरियों की बाढ़ आएगी, तो कुछ में गिरावट दर्ज की जाएगी। रिपोर्ट में 2025 तक 7 करोड़ से अधिक नई नौकरियों के सृजन का अनुमान है, जबकि 2030 तक यह संख्या 17 करोड़ (170 मिलियन) तक पहुंच सकती है।
आइए जानते हैं, किन क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ने वाले हैं और कौन-से सेक्टर नौकरियों में गिरावट का सामना करेंगे।
रोजगार में वृद्धि और गिरावट के क्षेत्र
WEF की रिपोर्ट ‘फ्यूचर ऑफ जॉब्स 2025’ ने रोजगार बाजार का गहराई से विश्लेषण किया। इसके अनुसार:
- बढ़ने वाले क्षेत्र:
- कृषि क्षेत्र के श्रमिक।
- हल्के ट्रक और डिलीवरी ड्राइवर।
- तकनीकी क्षेत्रों जैसे AI, बिग डेटा, और साइबर सुरक्षा में नौकरियों की अधिकता।
- गिरावट वाले क्षेत्र:
- कैशियर और टिकट क्लर्क।
- प्रशासनिक सहायक।
- बिल्डिंग केयरटेकर, क्लीनर, और हाउसकीपर।
यह अध्ययन 1,000 से अधिक कंपनियों के डेटा के आधार पर किया गया है और इसमें स्किल गैप को व्यवसायिक बदलावों की सबसे बड़ी बाधा बताया गया है।
इन क्षेत्रों में बढ़ेंगे रोजगार के अवसर
1. प्रौद्योगिकी और नवाचार
तकनीकी प्रगति ने रोजगार के नए रास्ते खोले हैं।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI):
- AI विशेषज्ञता वाली नौकरियों में तेजी से वृद्धि होगी।
- ऑटोमेशन और मशीन लर्निंग से संबंधित कौशल की भारी मांग होगी।
- बिग डेटा और एनालिटिक्स:
- डेटा साइंटिस्ट, डेटा एनालिस्ट, और डेटा इंजीनियर की मांग बढ़ेगी।
- साइबर सुरक्षा:
- साइबर हमलों के बढ़ते खतरों के कारण इस क्षेत्र में विशेषज्ञता वाले पेशेवरों की आवश्यकता होगी।
2. शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र
2030 तक शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा जैसे आवश्यक क्षेत्रों में सबसे अधिक नौकरियां सृजित होंगी।
- शिक्षकों, नर्सों, और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं की भारी मांग होगी।
3. नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy)
- सोलर और विंड एनर्जी प्रोजेक्ट्स में निवेश बढ़ने के कारण इस क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
- पर्यावरण-अनुकूल तकनीकों में विशेषज्ञता रखने वाले पेशेवरों की मांग तेज होगी।
4. ई-कॉमर्स और लॉजिस्टिक्स
- ऑनलाइन खरीदारी के बढ़ते चलन के कारण डिलीवरी ड्राइवर, वेयरहाउस मैनेजमेंट, और सप्लाई चेन मैनेजर की जरूरतें बढ़ेंगी।
5. सॉफ्टवेयर और एप्लिकेशन डेवलपमेंट
- डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के दौर में सॉफ़्टवेयर डेवलपर्स, एप्लिकेशन डेवलपर्स, और UI/UX डिज़ाइनर्स की मांग सबसे अधिक होगी।
इन क्षेत्रों में हो सकती है गिरावट
1. कैशियर और टिकट क्लर्क
- डिजिटल पेमेंट्स और ऑनलाइन बुकिंग के चलते इन नौकरियों में कमी आएगी।
2. प्रशासनिक भूमिकाएं
- ऑटोमेशन के कारण:
- कार्यकारी सचिव।
- सामग्री रिकॉर्डिंग और स्टॉक-कीपिंग क्लर्क जैसी भूमिकाएं समाप्त हो सकती हैं।
3. क्लीनिंग और मेंटेनेंस जॉब्स
- स्मार्ट तकनीक और रोबोट के चलते इन कार्यों को ऑटोमेट किया जाएगा, जिससे रोजगार के अवसर घट सकते हैं।
रोजगार बाजार के लिए नई चुनौतियां
1. स्किल गैप (Skill Gap):
- नई तकनीकों के आने के साथ स्किल गैप एक बड़ी चुनौती बन सकती है।
- कौशल विकास और रेस्किलिंग प्रोग्राम्स को प्राथमिकता देनी होगी।
2. डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन का प्रभाव:
- डिजिटलाइजेशन के कारण कुछ पारंपरिक नौकरियां खत्म हो सकती हैं।
- इसके लिए कंपनियों को श्रमिकों को नए कौशल सिखाने में निवेश करना होगा।
3. रोजगार में असमानता:
- तकनीकी क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रही नौकरियां केवल उन्हीं लोगों को लाभ देंगी, जो इन क्षेत्रों में प्रशिक्षित होंगे।