हिमाचल प्रदेश में करूणामूलक नौकरियों के 1415 मामले लंबित, सदन में उठा मुद्दा

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शिमला, 28 अगस्त (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में प्रश्नकाल के दौरान बुधवार को अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने का मामला गूंजा। सदन के सदस्य डॉ. जनकराज ने इस मामले को उठाया। इस पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि राज्य में इस आधार पर नौकरी के 1415 मामले लंबित हैं।

प्रश्नकाल के दौरान डॉ. जनकराज ने सरकार से पूछा कि अब तक राज्य में अनुकंपा के आधार पर नौकरी के कितने मामले लंबित हैं। उन्होंने यह भी जानना चाहा कि प्रदेश में इस आधार पर नौकरी के कितने मामले लंबित हैं और सरकार ने कितने अभ्यर्थियों को नौकरी दी है। इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने सदन में बताया कि राज्य में अनुकंपा (करुणामूलक) के आधार पर नौकरी के 1415 मामले लंबित हैं। विभिन्न सरकारी विभागों में 30 नवंबर 2023 तक ये मामले लंबित पड़े हैं। जो युवा बहनें व महिलाएं विधवा हो गई हैं, उन्हें अगले नौ महीने के भीतर करुणामूलक आधार पर नौकरी दी जाएगी। सरकारी सेवाकाल के दौरान मृतक कर्मचारियों के पात्र आश्रितों को सरकार की करुणामूलक आधार पर रोजगार प्रदान करने की नीति के प्रावधानों के अनुसार नौकरी देने की प्रक्रिया जारी है।

उन्होंने कहा कि सरकार करुणामूलक आधार पर पात्र आश्रितों को रोजगार उपलब्ध करवाने का भरसक प्रयास कर रही है। इसके लिए चार सदस्यीय कैबिनेट सब कमेटी का गठन किया गया है। एक जनवरी से 30 नवंबर 2023 तक करुणामूलक आधार पर 180 अभ्यर्थियों को नौकरी दी गई है। इनमें तृतीय श्रेणी में 38 और चतुर्थ श्रेणी में 142 अभ्यर्थी नौकरी लगे हैं। करुणामूलक आधार पर नौकरी के लंबित 1415 मामलों में तृतीय श्रेणी के 679 और चतुर्थ श्रेणी के 636 मामले लंबित हैं।