नई दिल्ली, 25 अप्रैल (हि.स.)। पुणे के सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज से गुरुवार को 58वें बैच में पास आउट हुए 112 मेडिकल स्नातकों को सशस्त्र बलों में कमीशन दिया गया। सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा के महानिदेशक और सेना चिकित्सा कोर के वरिष्ठ कर्नल कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल दलजीत सिंह ने कमीशनिंग परेड की समीक्षा की। परेड की कमान मेडिकल कैडेट (अब लेफ्टिनेंट) सुशील कुमार सिंह ने संभाली।
नवनियुक्त अधिकारियों को शुभकामनाएं देते हुए सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा के महानिदेशक ने कहा कि अधिकारियों को पूर्ण समर्पण के साथ देश और सशस्त्र बलों की सेवा करनी चाहिए। परेड ग्राउंड में 58वें बैच के कैडेटों ने परीक्षाओं में असाधारण प्रदर्शन किया। मित्र देशों के पांच कैडेटों सहित कुल 147 कैडेट स्नातक हुए। सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाओं में नियुक्त 112 कैडेटों में से 87 पुरुष और 25 महिला कैडेट हैं। इनमें से 88 को सेना, 10 को नौसेना और 14 को वायुसेना में नियुक्त किया गया है।
कमीशनिंग समारोह के बाद इस वर्ष ‘राष्ट्रपति का स्वर्ण पदक’ फ्लाइंग ऑफिसर आयुष जयसवाल को और ‘कलिंग ट्रॉफी’ सर्जन सब लेफ्टिनेंट बानी कौर को प्रदान किया गया। पुणे का सशस्त्र सेवा मेडिकल कॉलेज देश के शीर्ष पांच मेडिकल कॉलेजों में है। इस कॉलेज को 75 गौरवशाली वर्षों की सेवा के लिए 01 दिसंबर, 2023 को भारतीय सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति सम्मान से सम्मानित किया गया था। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने इसी साल 18 मार्च को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ यूनिट प्रशस्ति पत्र से भी सम्मानित किया था।