सत्ता पक्ष की 100 फीसदी जिम्मेदारी: मैसेज गैप मामले पर हाईकोर्ट ने ममता सरकार को लगाई फटकार

Sandeshkhali Violence: कलकत्ता हाई कोर्ट ने आज पश्चिम बंगाल के संदेशखाली इलाके में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के मामले की सुनवाई करते हुए ममता सरकार को फटकार लगाई. कोर्ट ने साफ कहा कि अगर किसी नागरिक की सुरक्षा को खतरा होता है तो इसकी 100 फीसदी जिम्मेदारी सत्ताधारी पार्टी की होती है.

संदेशखाली मामले की सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट ने कहा कि अगर पीड़ितों में से 1% भी सच्चे हैं तो यह बिल्कुल शर्मनाक है. वहां जो कुछ भी हुआ उसकी नैतिक जिम्मेदारी जिला प्रशासन और सत्ताधारी दल की है. कोर्ट ने बंगाल सरकार से आगे कहा कि अगर किसी नागरिक की सुरक्षा खतरे में है तो इसकी 100 फीसदी जिम्मेदारी सत्ताधारी पार्टी की है.

कलकत्ता हाई कोर्ट ने संदेशखाली से जुड़ी जनहित याचिका पर सुनवाई की. मुख्य न्यायाधीश शिवज्ञानम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की पीठ ने इस मामले में दायर कुल पांच जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की. सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद चीफ जस्टिस ने शाहजहां के वकील से भी सख्त शब्दों में पूछताछ की. 

दो महीने पहले पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले स्थित संदेशखाली इलाके की कुछ महिलाओं ने तत्कालीन तृणमूल कांग्रेस नेता शाहजहां शेख और अन्य पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. तब बीजेपी और कांग्रेस नेताओं ने टीएमसी सरकार पर हमला बोला था. बीजेपी और कांग्रेस कई महीनों तक टीएमसी पर हमले करती रहीं. फिर शाहजहां शेख को गिरफ्तार कर लिया गया. बाद में शेख को टीएमसी से निकाल दिया गया।