मुंबई, 11 मार्च (हि.स.)। अमरावती जिले में सोमवार को प्रवेश द्वार को लेकर आंदोलन कर रहे आंदोलनकारियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू के गोले छोड़े। इसके बाद आंदोलनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया। इस घटना में 10 पुलिस कर्मी घायल हो गए हैं और इन सभी का इलाज अमरावती के सिविल अस्पताल में हो रहा है। अमरावती के पुलिस अधीक्षक ने बताया कि स्थिति पर काबू पा लिया गया है। उन्होंने नागरिकों से शांति की अपील की है।
अमरावती के पांढरी खानमपुर में डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर के नाम पर प्रवेश द्वार बनाए जाने का प्रस्ताव ग्रामसभा में पारित हो गया था और इसकी प्रशासकीय अनुमति भी ले ली गई थी। इसके बावजूद गांव के कुछ लोग इसका विरोध कर रहे थे, इसी वजह से प्रशासन की ओर से प्रवेश द्वार बनाया नहीं जा रहा था। इसी वजह से आरपीआई के राजेंद्र गवई और उनकी माता कमलाबाई गवई के नेतृत्व में अमरावती जिलाधिकारी कार्यालय के सामने पिछले 5 दिनों से गांव वालों का प्रदर्शन जारी था।
सोमवार को दोपहर तक जब जिलाधिकारी कार्यालय की ओर से आंदोलनकारियों को महत्व नहीं दिया गया तो आंदोलनकारी जिलाधिकारी कार्यालय में जबरन घुसने लगे। इसके बाद पुलिस ने आंदोलनकारियों को रोकने का प्रयास किया और आंदोलनकारी भड़क उठे। इसके बाद आंदोलनकारियों पर काबू पाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू के गोले भी छोड़े। इसी दौरान आंदोलनकारियों ने पुलिस और उनके वाहनों पर पत्थरबाजी की। इस घटना में अब तक 10 पुलिस वालों के घायल होने की खबर मिली है।
पुलिस अधीक्षक ने मीडिया को बताया कि स्थिति सामान्य करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले छोड़े गए। इस समय स्थिति सामान्य है लेकिन पुलिस का बंदोबस्त बढ़ा दिया गया है। पुलिस अधीक्षक ने सभी नागरिकों को शांति बनाए रखने की अपील की है।