आगरा-ग्वालियर कॉरिडोर प्रोजेक्ट के लिए अडानी एंटरप्राइजेज समेत 10 बड़ी कंपनियों ने अपनी बोली लगाई है। इन कंपनियों में IRB इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स, पीएनसी इंफ्राटेक, दिलीप बिल्डकॉन, डीआर अग्रवाल इंफ्राकॉन, जीआर इंफ्राप्रोजेक्ट्स, APSARA इंफ्रास्ट्रक्चर, एमकेसी इंफ्रास्ट्रक्चर, वेलस्पन एंटरप्राइजेज और गावर इंफ्रा भी शामिल हैं। टेक्निकल बिड्स मंगलवार को खोली गईं।
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प्रोजेक्ट की खासियत और लागत
88 किलोमीटर लंबा एक्सेस-कंट्रोल्ड कॉरिडोर ट्रैफिक क्षमता को दोगुना कर देगा।इस प्रोजेक्ट के तहत आगरा-ग्वालियर के बीच की दूरी 7% और यात्रा का समय 50% तक कम हो जाएगा।लॉजिस्टिक्स लागत में भी उल्लेखनीय कमी आने की संभावना है।केंद्रीय कैबिनेट ने अगस्त 2024 में इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी, जो 8 हाई-स्पीड कॉरिडोर का हिस्सा है।कुल 936 किलोमीटर लंबे इन प्रोजेक्ट्स की लागत ₹50,655 करोड़ है।इनसे करीब 4.42 करोड़ लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने का अनुमान है।
पर्यटन और कनेक्टिविटी को मिलेगा बढ़ावा
यह कॉरिडोर ताजमहल और आगरा फोर्ट (उत्तर प्रदेश) के साथ-साथ ग्वालियर फोर्ट (मध्य प्रदेश) जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों की कनेक्टिविटी को बेहतर करेगा।छह-लेन वाला ग्रीनफील्ड हाईवे आगरा के गांव देवरी से शुरू होकर ग्वालियर के गांव सुसेरा तक जाएगा।मौजूदा NH-44 पर ओवरले, स्ट्रेंथनिंग और रोड सेफ्टी सुधार कार्य भी इस प्रोजेक्ट में शामिल होंगे।
नई हाईवे डेवलपमेंट रणनीति
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय कॉरिडोर-आधारित हाईवे इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट मॉडल अपना रहा है।इसका उद्देश्य बेहतर लॉजिस्टिक्स दक्षता और उच्च गुणवत्ता वाली यूजर सुविधाएं सुनिश्चित करना है।पुरानी प्रोजेक्ट-बेस्ड डेवलपमेंट पद्धति से अलग, यह रणनीति स्थानीय भीड़भाड़ वाले हिस्सों के बजाय पूरे ट्रैफिक नेटवर्क को सुधारने पर केंद्रित है।