दूध: आयुर्वेद में इसे अमृत की संज्ञा दी गई है। हमारे बड़े-बुजुर्ग हमेशा कहते थे कि दूध और घी शरीर को ताकतवर बनाते हैं और बीमारियों को दूर रखते हैं। लेकिन आज, कुछ लोग इस अमृत को ज़हर में बदलने पर तुले हुए हैं। खतरनाक केमिकल से तैयार किया गया नकली दूध, कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है। इसलिए, दूध पीने से पहले उसकी जांच करना बेहद जरूरी है।
खुर्जा में नकली दूध का भंडाफोड़
हाल ही में फूड सेफ्टी विभाग ने खुर्जा में छापा मारकर नकली दूध और पनीर बनाने की फैक्ट्री का खुलासा किया। टीम ने पाया कि कैसे खतरनाक केमिकल की मदद से सिंथेटिक दूध तैयार किया जा रहा है। इसके बाद ऑफिस में टीम ने यह भी दिखाया कि केमिकल से दूध कैसे बनाया जाता है।
कैसे बनता है नकली दूध?
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रही है, जिसमें टीम ने नकली दूध बनाने की प्रक्रिया का खुलासा किया।
- पानी में प्रीमिक्स केमिकल (जो कई हानिकारक रसायनों का मिश्रण होता है) की सिर्फ एक ढक्कन मात्रा डालने से पानी तुरंत दूध जैसा सफेद दिखने लगता है।
- फिर इसमें सैकरीन डालकर इसे मीठा किया जाता है।
- इसके बाद कुछ और केमिकल मिलाए जाते हैं, जिससे इसकी गंध और स्वाद बिल्कुल असली दूध जैसा लगने लगे।
हालांकि, इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि नवभारत टाइम्स नहीं करता है।
1 लीटर केमिकल से तैयार होते हैं 500 लीटर नकली दूध
- वीडियो में दिखाया गया है कि प्रीमिक्स केमिकल की 1 ढक्कन मात्रा से 2 लीटर सिंथेटिक दूध बनता है।
- इस प्रकार, 1 बोतल केमिकल से 400 से 500 लीटर नकली दूध तैयार किया जा सकता है।
- ऐसे दूध में इस्तेमाल होने वाले केमिकल्स सेल्स और डीएनए पर बुरा असर डालते हैं और शरीर में कैंसर का खतरा बढ़ा देते हैं।
दूध में मिलावट कैसे पहचानें?
सिंथेटिक दूध को पहचानने के कुछ आसान तरीके हैं, जिन्हें अपनाकर आप इस खतरनाक दूध से बच सकते हैं:
1. गंध और रंग से पहचानें
- अगर दूध का रंग बहुत सफेद या हल्का सफेद दिखे, तो उसे पीने से बचें।
- अगर इसमें कोई अजीब गंध हो या स्वाद अजीब लगे, तो इसे तुरंत त्याग दें।
2. सतह पर गिराकर जांचें
- दूध की कुछ बूंदें किसी टेढ़ी सतह (जैसे स्लैब) पर गिराएं।
- यदि यह गिरते हुए पानी जैसा निशान छोड़ता है, तो यह नकली हो सकता है। असली दूध थोड़ा गाढ़ा होता है और ऐसा निशान नहीं छोड़ता।
डिटर्जेंट की मिलावट का पता कैसे लगाएं?
डिटर्जेंट वाले दूध को पहचानने का यह सरल तरीका अपनाएं:
- 5-10 ml दूध लें और उतना ही पानी मिलाएं।
- इस मिश्रण को अच्छी तरह हिलाएं।
- डिटर्जेंट वाला दूध ज्यादा झाग बनाएगा और गाढ़ा लगेगा।
- असली दूध में झाग की सिर्फ हल्की परत बनेगी।
स्टार्च की मिलावट की पहचान करें
स्टार्च मिले दूध की जांच के लिए यह तरीका अपनाएं:
- 2-3 ml दूध में 5 ml पानी मिलाकर इसे उबालें।
- ठंडा होने के बाद इसमें 2-3 बूंद आयोडीन टिंक्चर डालें।
- अगर दूध नीला हो जाता है, तो उसमें स्टार्च की मिलावट है।
नकली दूध के खतरनाक प्रभाव
सिंथेटिक दूध और इसमें मिलाए गए केमिकल्स का शरीर पर गंभीर असर होता है:
- कैंसर का खतरा: ये केमिकल आपकी सेल्स और डीएनए को नुकसान पहुंचाते हैं।
- पाचन तंत्र पर असर: नकली दूध से पेट दर्द, गैस और अन्य पाचन समस्याएं हो सकती हैं।
- इम्यून सिस्टम कमजोर: लंबे समय तक ऐसे दूध का सेवन इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकता है।
सतर्क रहें, सुरक्षित रहें
दूध, जिसे सेहत का प्रतीक माना जाता है, नकली होने पर जहर से भी अधिक खतरनाक हो सकता है। नकली दूध से बचने के लिए हमेशा असली और प्रमाणित स्रोतों से ही दूध खरीदें। अगर आपको दूध के रंग, गंध या स्वाद में कोई शक हो, तो उसे पीने से बचें और इन सरल तरीकों से उसकी जांच जरूर करें।