भारत ब्रिटेन से सोना लाया: भारत हाल ही में यूनाइटेड किंगडम से 1,000 टन यानी 1 लाख किलो सोना लाया है। सोना भारत का था, लेकिन ब्रिटेन में संग्रहीत किया गया था। इस सोने को भारत लाना एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है और सिर्फ एक कारण से नहीं, बल्कि कई कारणों से।
आर्थिक स्थिरता
भारत की आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए ब्रिटेन से सोना वापस लाने का निर्णय लिया गया। सोने को सालों से सुरक्षित निवेश माना जाता रहा है। मुद्रा में उतार-चढ़ाव और मुद्रास्फीति के खिलाफ सोना सबसे सुरक्षित संपत्ति है। भारत सोने में अधिक निवेश कर अपनी आर्थिक ताकत बढ़ाना चाहता है। वैश्विक अस्थिरता के दौर में भी भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के प्रयास जारी हैं।
ठीक होने का संकेत
1990 के दशक में भारत की अर्थव्यवस्था कमजोर थी और उस दौरान रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को सोना गिरवी रखना पड़ा था। 2024 में ये सोना वापस लाना बदलाव का संकेत है. यह देश की आर्थिक मजबूती और स्थिरता का प्रतीक है।
तार्किक परिणाम
यूनाइटेड किंगडम से 1 लाख किलो सोना लाना कोई आसान काम नहीं है. इसके लिए बहुत अधिक योजना और समन्वय की आवश्यकता थी। इस सोने को सुरक्षित भारत लाने के लिए एक विशेष विमान का इस्तेमाल किया गया। भारतीय रिजर्व बैंक को सीमा शुल्क से छूट दी गई, लेकिन जीएसटी की चुनौती का भी सामना करना पड़ा।
देश की संपत्ति का बेहतर उपयोग और धन की बचत
अधिकांश देशों के केंद्रीय बैंक सोने में भारी निवेश करते हैं। यह देश की संपत्ति का उचित उपयोग एवं प्रबंधन करता है। इस कदम से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को भंडारण के लिए दूसरे देशों को भुगतान करने से करोड़ों रुपये की बचत होगी. इतना ही नहीं जरूरत के वक्त इस सोने का इस्तेमाल भी किया जा सकता है.
निवेशकों में बढ़ोतरी
यह घरेलू और विदेशी निवेशकों के लिए सकारात्मक संकेत है. भारत की अर्थव्यवस्था को कैसे प्रबंधित किया जाएगा और बैकअप सुविधाएं क्या होंगी, इसके बारे में निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी है। इस कदम से भारतीय निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा और विदेशी कंपनियाँ अधिक निवेश करेंगी, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
अतिरिक्त सोने का निवेश
भारत सोने में ज्यादा निवेश कर रहा है. अब तक भारत ने 822.1 टन सोना एकत्र कर लिया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले साल 27.5 टन सोना खरीदा था और इस साल इससे अधिक सोने की खरीद की उम्मीद है।