Vastu Shastra : घर के मंदिर में भूल से भी एक साथ न रखें इन देवी देवताओं की मूर्तियाँ जानें कारण

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Newsindia live,Digital Desk: Vastu Shastra : घर में बने पूजा मंदिर का हर व्यक्ति के जीवन पर गहरा असर पड़ता है वास्तुशास्त्र में घर में मंदिर बनाने से जुड़े कुछ खास नियम और दिशानिर्देश बताए गए हैं अगर हम इनका सही से पालन न करें तो इससे नकारात्मक ऊर्जा बढ़ सकती है जिसे वास्तु दोष कहा जाता है घर के मंदिर में किन देवताओं की मूर्तियों को एक साथ नहीं रखना चाहिए इसे जानने के लिए कुछ खास बातें समझना जरूरी है

पूजा घर में कुछ खास नियमों का पालन करना होता है जैसे मंदिर की जगह मंदिर की साफ सफाई और मूर्तियों को रखने का तरीका घर में सुख शांति बनाए रखने के लिए यह नियम जानना बेहद जरूरी है घर का मंदिर सिर्फ पूजा का स्थान नहीं होता यह वह जगह होती है जहां हम मन की शांति प्राप्त करते हैं और भगवान से जुड़ते हैं यदि हम इन वास्तु नियमों को नजरअंदाज करते हैं तो यह न सिर्फ हमारे मन को परेशान कर सकता है बल्कि परिवार के सदस्यों पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है

कुछ देवों की मूर्ति घर में रखने से वास्तु दोष लगता है इनमें प्रमुख रूप से शनिदेव और हनुमान जी का जिक्र आता है ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव और सूर्य देव की मूर्तियों को भी घर में एक साथ नहीं रखना चाहिए इन सभी देवताओं का स्वभाव और ऊर्जा एक दूसरे से अलग है जिससे उनकी एक साथ स्थापना से शुभ परिणाम की जगह वास्तु दोष पैदा हो सकता है ऐसा करने से परिवार में सुख शांति कम होती है और परेशानियों का सामना करना पड़ता है

एक ही देवी या देवता की दो मूर्ति रखने से घर में सुख शांति खत्म होती है उदाहरण के तौर पर हनुमान जी की दो मूर्ति एक साथ कभी भी नहीं रखनी चाहिए इसी प्रकार देवी लक्ष्मी भगवान विष्णु श्री कृष्ण राधा माता दुर्गा की मूर्तियों के साथ भी यही नियम लागू होता है इसका परिणाम होता है परिवार में आपसी मतभेद और नकारात्मक ऊर्जा का बढ़ना दो देवी या देवताओं की मूर्ति को अलग अलग जगह पर रखने की बजाय केवल एक ही मूर्ति रखनी चाहिए वास्तु दोष को खत्म करने और घर में खुशहाली लाने के लिए एक ही भगवान की एक ही मूर्ति रखना सबसे अच्छा होता है इससे पूजा स्थान की ऊर्जा बनी रहती है

मंदिर की दिशा बहुत मायने रखती है मंदिर को घर के ईशान कोण यानी उत्तर पूर्व दिशा में ही रखना चाहिए यह दिशा बहुत शुभ मानी जाती है मंदिर के आसपास की जगह साफ सुथरी होनी चाहिए यह सकारात्मक ऊर्जा के संचार में मदद करती है अगर मंदिर उचित स्थान पर और उचित तरीके से बनाया जाता है तो इससे सकारात्मकता बढ़ती है और घर में सुख शांति बनी रहती है

 

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