पश्चिमी चंपारण: स्वच्छता कर्मियों की बैठक में फूटा आक्रोश, स्थायीकरण और मानदेय बढ़ोतरी की उठी मांग,सभी ने एक स्वर में कहा कि यदि जल्द उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं, तो आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
योगापट्टी (पश्चिमी चंपारण): शनिवार को योगापट्टी प्रखंड परिसर में लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत कार्यरत स्वच्छता कर्मियों व पर्यवेक्षकों की एक दिवसीय बैठक आयोजित की गई.बैठक की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष शिव कुमार ने की, जबकि मंच संचालन अमित कुमार गुड्ड ने किया।
बैठक में कर्मियों ने अपनी पाँच सूत्री मांगों को लेकर सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाया। जिला अध्यक्ष शिव कुमार ने बताया कि ग्रामीण विकास विभाग द्वारा राज्य की लगभग 8,000 ग्राम पंचायतों में स्वच्छता पर्यवेक्षकों की संविदा पर नियुक्ति की गई है, लेकिन पिछले तीन वर्षों से मांगों के बावजूद कोई ठोस पहल नहीं की गई है।
मुख्य अतिथि लौरिया विधायक विनय बिहारी ने भी कर्मियों की मांगों को उचित ठहराते हुए कहा कि मुख्य सचिव के निर्देशानुसार स्वच्छता पर्यवेक्षकों को पंचायत सरकार भवन में बैठने की व्यवस्था होनी चाहिए और उन्हें संविदा कर्मी के सभी लाभ मिलना चाहिए।
जिला कोषाध्यक्ष अनिल कुमार राम ने बताया कि स्वच्छता कर्मी सुबह 6 बजे से शाम तक लगातार कार्यरत रहते हैं घर-घर कचरा उठाना, गीला-सूखा कचरे का पृथक्करण और डस्टबिन सेंटर तक पहुंचाना उनकी दिनचर्या है। इसके बदले में पर्यवेक्षकों को ₹5,000 से ₹7,500, जबकि स्वच्छता कर्मियों को मात्र ₹1,500 से ₹3,000 मासिक मानदेय दिया जाता है, जो वर्तमान महंगाई दर के हिसाब से बेहद कम है।
वही ज्ञान सिंह ने सरकार से स्वच्छता कर्मियों को राज्यकर्मी घोषित करने, 60 वर्ष तक सेवा की गारंटी, और स्थायीत्व की मांग की। जिला सदस्य संजीत कुमार ने मानदेय वृद्धि, बीमा सुविधा, और लंबित भुगतानों के निपटारे की मांग उठाई।
बैठक में संजीत कुमार, बच्चालाल मुखिया, बिनय कुमार, अनिल कुमार, राजकिशोर कुमार, संजय चौधरी सहित कई स्वच्छता कर्मी और पर्यवेक्षक मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में कहा कि यदि जल्द उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं, तो आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।