डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान को दी बड़ी चेतावनी : पिछले कई वर्षों से देशों के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है, एक ओर रूस और यूक्रेन तथा दूसरी ओर इजरायल और फिलिस्तीन के बीच शांति के प्रयास चल रहे हैं। दूसरी ओर, ट्रम्प की धमकी ने एक और युद्ध छेड़ दिया है।
ट्रम्प की ईरान को धमकी
अमेरिका और ईरान के बीच संबंधों की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। ऐसे में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दी है कि अगर वह परमाणु समझौते पर राजी नहीं हुआ तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। एनबीसी न्यूज के साथ बातचीत में ट्रम्प ने ईरान को धमकी दी है कि यदि परमाणु समझौता नहीं हुआ तो अमेरिका ईरान पर अभूतपूर्व बमबारी करेगा, साथ ही उस पर टैरिफ भी लगाएगा। जिसके बाद वाशिंगटन और तेहरान के बीच तनाव बढ़ गया है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले मार्च में ट्रंप ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को पत्र लिखकर चेतावनी दी थी कि यदि वार्ता बहाल नहीं की गई तो सैन्य टकराव होगा।
अमेरिकी धमकियों के बाद ईरान ने अपनी मिसाइलों को प्रक्षेपण मोड में तैयार रहने का आदेश दिया है। ईरानी समाचार एजेंसियों ने दावा किया है कि लांचर पर कई मिसाइलें लोड की गई हैं। इसका मतलब यह है कि मिसाइलों को सिर्फ एक आदेश से ही लॉन्च किया जा सकेगा।
ईरान ने ट्रम्प के प्रस्ताव को खारिज कर दिया
हालाँकि, ट्रम्प की चेतावनी से ईरान पर कोई फर्क पड़ता नहीं दिख रहा है। ईरान के सर्वोच्च नेता ने कहा है कि ईरान उन सरकारों के साथ बातचीत नहीं करेगा जो उसे धमकी देती हैं। ईरानी राष्ट्रपति मसूद पझवोकियान ने भी ईरान के सर्वोच्च नेता को एक पत्र लिखकर कहा है कि तेहरान कभी भी वाशिंगटन से सीधे बात नहीं करेगा। ईरानी संसद के स्पीकर ग़ालिबफ़ ने कहा है कि अगर अमेरिका ईरान को धमकी देता है तो समझ लीजिए कि आप बमों के ढेर पर बैठे हैं। यदि ईरान पर हमला हुआ तो अमेरिका और उसके सहयोगियों को पूरे क्षेत्र में असुरक्षा का सामना करना पड़ेगा।
उल्लेखनीय है कि 2018 में अमेरिका ने स्वयं इस समझौते को रद्द कर दिया था और ईरान पर विभिन्न प्रतिबंध लगा दिए थे। अमेरिका ईरान के साथ व्यापार करने वाले अन्य देशों और कंपनियों पर भी प्रतिबंध लगाता है। अमेरिका ने ईरान को अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली से अलग-थलग करने के लिए काफी प्रयास किए हैं।
इजराइल भी ईरान पर हमला कर सकता है
उल्लेखनीय है कि 1979 में ईरानी क्रांति के बाद से ईरान और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ गया है। 1980 के बाद से दोनों देशों के बीच कोई आधिकारिक राजनयिक संबंध नहीं रहे हैं। 1995 में अमेरिका ने ईरान पर प्रतिबंध लगाना शुरू किया था। इतना ही नहीं, अब अमेरिका ने इजरायल को ईरान और उसके संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार दे दिया है। अब इजरायल को अमेरिका से पूछे बिना ईरान पर हमला करने का अधिकार है। जिसके कारण युद्ध की संभावनाएं भी बढ़ गई हैं।