शेयर बाजार नियम: सेबी ने 28 मार्च, 2025 को जारी एक परिपत्र में कहा कि नए नियम 1 अप्रैल, 2025 से लागू होंगे। सेबी परिपत्र में कहा गया है कि इंडेक्स डेरिवेटिव्स के लिए स्थिति सीमाओं की इंट्राडे निगरानी शुरू की जाएगी। हालाँकि, वर्तमान में, दिन के दौरान इस सीमा को पार करने पर कोई जुर्माना नहीं होगा। आइये इसे सरल शब्दों में समझें:
परिपत्र का उद्देश्य क्या है –
सूचकांक व्युत्पन्नों (जैसे निफ्टी, बैंक निफ्टी) में स्थिति सीमाओं की अब दिन में कई बार निगरानी की जाएगी ताकि प्रणाली को पारदर्शी रखा जा सके और ओवरट्रेडिंग को रोका जा सके।
नया नियम 1 अप्रैल 2025 से लागू होगा-
अब तक, स्थिति सीमा की जांच केवल दिन के अंत में ही की जाती थी। अब प्रतिदिन कम से कम 4 बार यादृच्छिक समय पर लाइव जांच की जाएगी।
अब कोई जुर्माना नहीं:-
यदि किसी ग्राहक या व्यापारी की इंट्राडे सीमा पार हो जाती है, तो वर्तमान में कोई जुर्माना नहीं लगाया जाएगा। लेकिन एक्सचेंज उन्हें चेतावनी देगा ताकि वे अपने जोखिम का प्रबंधन कर सकें।
तैयारी में देरी को लेकर दलालों को राहत:-
एएनएमआई, बीबीएफ, सीपीएआई जैसी ब्रोकरेज संस्थाओं ने सेबी को बताया कि उनका सिस्टम अभी पूरी तरह तैयार नहीं है। इस पर सेबी ने समझदारी दिखाते हुए कहा कि फिलहाल सिर्फ निगरानी रखी जाएगी, लेकिन कोई जुर्माना नहीं लगाया जाएगा।
एसओपी आएगा:-
सभी एक्सचेंज मिलकर एक एसओपी तैयार करेंगे, जिसमें ब्रोकर्स और ट्रेडर्स को बताया जाएगा कि यह निगरानी किस प्रकार की जाएगी।
निवेशकों के लिए इसका क्या मतलब है?
यदि आप इंडेक्स ऑप्शन या फ्यूचर्स का व्यापार करते हैं, तो ध्यान रखें कि अब आपकी पोजीशन की दिन में कई बार जांच की जाएगी। हालांकि, यदि गलती से सीमा पार हो जाती है, तो घबराएं नहीं – फिलहाल कोई जुर्माना नहीं लगेगा, लेकिन एक्सचेंज इस पर ध्यान देगा।
एक साथ ठंडा –
सेबी ने इंट्राडे पोजीशन की सीमा को कड़ा कर दिया है, लेकिन ब्रोकरों और व्यापारियों को अपनी प्रणालियों को अपग्रेड करने की लचीलापन भी प्रदान किया है। यह कदम बाजार की पारदर्शिता और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है।