नई दिल्ली : सूडान में फिर हिंसा भड़क गई है। हाल ही में सूडान के दारफुर क्षेत्र में एक हिंसक, अत्यंत चौंकाने वाली और मानवीय घटना घटी। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) सैन्य समूह ने उत्तरी दारफुर के अल-फशर शहर और निकटवर्ती ज़मज़म क्षेत्र के साथ-साथ अबू शौक के शरणार्थी शिविरों पर लगातार दो दिनों तक तीव्र हमले किए। बताया गया है कि इन हमलों में 100 से अधिक लोग मारे गए। बताया जा रहा है कि मृतकों में 20 बच्चे भी शामिल हैं।
निर्दोष लोगों पर हमला
सूडान में संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट एवं समन्वयक क्लेमेंटी एनक्वेचा-सलामी के अनुसार, इसकी शुरुआत शुक्रवार को हुई। इन हमलों में नौ सहायताकर्मी भी मारे गए हैं। यह शिविरों में रह रहे निर्दोष लोगों पर हमलों पर गहरा आक्रोश व्यक्त करता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, ये हमले सूडान में दो साल से चल रहे गृहयुद्ध की पृष्ठभूमि में किए गए हैं। इस जगह पर सेना और आरएसएफ के बीच भीषण झड़प हुई है।
हमले में छह चिकित्साकर्मी भी मारे गये।
सूडानी डॉक्टर्स यूनियन के अनुसार, ज़मज़म शिविर में उनके अस्पताल पर हुए हमले में छह चिकित्साकर्मी मारे गए हैं। इनमें रिलीफ इंटरनेशनल के क्षेत्रीय प्रमुख डॉ. महमूद बाबाकार इदरीस और एडम बाबाकार अब्दुल्ला शामिल थे। इस अमानवीय हमले की जिम्मेदारी सीधे तौर पर आरएसएफ पर डाली गई है।
24 हजार से अधिक लोग मारे गये।
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, संघर्ष में अब तक 24,000 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, लेकिन कार्यकर्ताओं का कहना है कि वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक होने की संभावना है। बेघर नागरिकों, महिलाओं, बच्चों और सहायता कार्यकर्ताओं के खिलाफ ये अत्याचार अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकारों का उल्लंघन है और इस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।
नागरिक संघर्ष फिर शुरू
संयुक्त राष्ट्र ने इस घटना की कड़ी निंदा की है तथा सूडान में चल रहे गृहयुद्ध में निर्दोष नागरिकों की सुरक्षा के लिए तत्काल कदम उठाने का आह्वान किया है। दुनिया भर के देशों को भी एकजुट होकर इन अमानवीय कृत्यों के खिलाफ कार्रवाई करने की जरूरत है। पिछले दो वर्षों से चल रहे गृहयुद्ध में सेना आरएसएफ के खिलाफ लड़ रही है। एक बार फिर गृहयुद्ध छिड़ गया है, जिससे बड़ी संख्या में लोगों की जान गई है।