नई दिल्ली: देश भर में नवजात शिशुओं की तस्करी की दर में काफी वृद्धि हुई है। इस बीच, बाल तस्करी से संबंधित एक मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है। इस बार सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर किसी अस्पताल से बच्चों की तस्करी हो रही हो तो उस अस्पताल का लाइसेंस रद्द कर दिया जाना चाहिए। आइये जानें कि आखिर यह मामला क्या है।
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को बाल तस्करी रोकने के लिए सख्त कदम उठाने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने बाल तस्करी मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को पलट दिया है। उच्च न्यायालय ने वाराणसी और आसपास के अस्पतालों से बच्चा चोरी के मामले में आरोपी को जमानत दे दी थी। इस पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में आरोपी को इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा दी गई जमानत को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने बच्चे के माता-पिता को भी सतर्क रहने की सलाह दी है। पिछले वर्ष अस्पतालों से नवजात शिशुओं की चोरी की घटना हुई थी। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इस मामले में आरोपी को जमानत दे दी थी।
हालाँकि, पीड़ित परिवार ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। इसने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले का भी विरोध किया। सुप्रीम कोर्ट ने मानवाधिकार आयोग और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया को सुनवाई के दौरान रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। सर्वोच्च न्यायालय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा आरोपी को दी गई जमानत भी रद्द कर दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि यदि कोई गर्भवती महिला अस्पताल में भर्ती होती है और वह बच्चे को जन्म देती है और बच्चा अस्पताल से चोरी हो जाता है, तो उस अस्पताल का लाइसेंस रद्द कर दिया जाना चाहिए। इस मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार की आलोचना की है।
सुप्रीम कोर्ट ने पूजा खेडकर को राहत दी
विवादित प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर का मामला काफी सुर्खियों में है। आईएएस अधिकारी बनने के लिए की गई धोखाधड़ी का खुलासा होने के बाद उनकी मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं। इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पूजा खेडकर को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया था। इस पर आज सुनवाई हुई। इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने इस सुरक्षा को बढ़ा दिया है।
सर्वोच्च न्यायालय ने आज हुई सुनवाई में विवादास्पद प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर को गिरफ्तारी से बचाने वाले अपने अंतरिम आदेश को बढ़ा दिया है। पूजा खेडकर पर आईएएस अधिकारी बनने के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करने का आरोप है। मामले की सुनवाई 21 अप्रैल को होगी। पूजा खेडकर को भी 21 अप्रैल तक गिरफ्तारी से सुरक्षा मिलेगी।