सुप्रीम कोर्ट के सभी न्यायाधीशों को अपनी संपत्ति घोषित करने का आदेश दिया गया है। भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने भी अपनी संपत्ति की जानकारी का खुलासा करते हुए इस फैसले को स्वीकार कर लिया है। सुप्रीम कोर्ट की पूर्ण पीठ ने निर्णय लिया है कि सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश के पद पर आसीन सभी न्यायाधीशों को अपनी संपत्ति का पूरा ब्यौरा घोषित करना होगा। संपत्ति का सारा ब्यौरा सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड करना होगा।
सीजेआई समेत 30 जजों ने घोषित की संपत्ति
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देश के मुख्य न्यायाधीश और न्यायाधीशों को स्वेच्छा से अपनी संपत्ति का पूरा ब्योरा सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर देना होगा। जो कि अनिवार्य नहीं है। वर्तमान में, मुख्य न्यायाधीश सहित सर्वोच्च न्यायालय के कुल 30 न्यायाधीशों ने अपनी संपत्ति घोषित की है। जिसमें सीजेआई संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस अभय एस ओक, जस्टिस जे.के. माहेश्वरी, न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना सहित कई न्यायाधीश शामिल हैं।
दिल्ली उच्च न्यायालय के आवास से नकदी जब्त होने के बाद लिया गया निर्णय?
कुछ दिन पहले दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के आवास से भारी मात्रा में नकदी जब्त की गई थी। इस नकदी मामले की जांच के लिए सीजेआई संजीव खन्ना ने 22 मार्च को जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ तीन सदस्यीय आंतरिक जांच शुरू की थी। 14 मार्च को जस्टिस के घर में आग लग गई थी। जिसमें फायर ब्रिगेड की टीम को स्टोर रूम में नोटों के बंडल अधजले हालत में मिले। सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला जस्टिस यशवंत वर्मा पर लगे आरोपों को ध्यान में रखते हुए सुनाया है।