आज 29 मार्च 2025 को इस वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) लग चुका है। यह आंशिक सूर्य ग्रहण है, जिसका अर्थ है कि चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से नहीं ढक पाएगा। वैज्ञानिक दृष्टि से सूर्य ग्रहण एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है, जो तब घटित होती है जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आकर सूर्य की रोशनी को आंशिक या पूर्ण रूप से अवरुद्ध कर देता है।
सूर्यग्रहण हमेशा चंद्रग्रहण से लगभग दो सप्ताह पहले या बाद में होता है। हालांकि, इस बार का सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, क्योंकि इसका पथ भारत से होकर नहीं गुजर रहा है।
सूर्य ग्रहण 2025 का समय (Surya Grahan Timing 2025)
ग्रहण प्रारंभ: दोपहर 2:20:43 बजे
ग्रहण चरम स्थिति: शाम 4:17:27 बजे
ग्रहण समाप्त: शाम 6:13:45 बजे
अवधि: कुल 3 घंटे 53 मिनट
यह सूर्य ग्रहण यूरोप, एशिया (उत्तर क्षेत्र), उत्तर-पश्चिम अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका के अधिकांश भाग, दक्षिण अमेरिका (उत्तर भाग), अटलांटिक और आर्कटिक क्षेत्रों में देखा जा सकेगा।
भारत में सूर्य ग्रहण कब दिखाई देगा?
आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (ARIES) के वैज्ञानिकों के अनुसार, भारत में अगला सूर्य ग्रहण 2 अगस्त 2027 को पूर्ण सूर्य ग्रहण के रूप में दिखाई देगा।
भारत में दृश्यमान पूर्ण सूर्य ग्रहण:
तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में पूर्ण सूर्य ग्रहण दिखेगा।
अन्य राज्यों में आंशिक सूर्य ग्रहण देखा जा सकेगा।
इसके बाद 21 सितंबर 2025 को एक और सूर्य ग्रहण लगेगा, लेकिन वह भी भारत में दिखाई नहीं देगा।
सूर्य ग्रहण का वैज्ञानिक महत्व (Scientific Importance of Solar Eclipse)
सूर्यग्रहण खगोलीय पिंडों की गति और गुरुत्वाकर्षण प्रभाव को समझने में मदद करता है।
वैज्ञानिक इस दौरान सूर्य के कोरोना (Corona) का अध्ययन करते हैं।
ग्रहण के दौरान प्राकृतिक रोशनी में कमी के कारण तापमान में भी अंतर देखने को मिलता है।
यह अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए एक अनूठा अवसर प्रदान करता है।