उत्तराखंड की पुष्कर धामी सरकार ने सायरा बानो को उत्तराखंड महिला आयोग का उपाध्यक्ष नियुक्त किया है। सायरा बानो 2016 में ट्रिपल तलाक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक रिट याचिका दायर करने के बाद सुर्खियों में आईं थीं।
फरवरी 2016 में काशीपुर निवासी सायरा बानो ने तीन तलाक पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
सायरा बानो उत्तराखंड के उधम सिंह नगर के काशीपुर नाराह की रहने वाली हैं। उन्होंने तीन तलाक के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ी। तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला उनके पक्ष में था।
सायरा के पति ने उन्हें टेलीग्राम के ज़रिए तलाक़ का नोटिस भेजा
फरवरी 2016 में काशीपुर निवासी सायरा बानो ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर तीन तलाक पर रोक लगाने की मांग की थी। सायरा ने 2002 में इलाहाबाद के एक व्यक्ति से शादी की थी। सायरा ने उस पर घरेलू हिंसा का आरोप लगाया था। सायरा के पति ने उन्हें टेलीग्राम के जरिए तलाक का नोटिस भेजा।
सायरा बानो ने तीन तलाक और निकाह हलाला की प्रथाओं की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।
सायरा बानो ने तीन तलाक और निकाह हलाला की प्रथाओं की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। याचिका में उन्होंने मुसलमानों में प्रचलित बहुविवाह की प्रथा को भी गलत बताया तथा इसे समाप्त करने की मांग की। सायरा ने तर्क दिया कि तीन तलाक संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 के तहत प्रदत्त मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।
सायरा बानो भाजपा में शामिल हो गईं। भाजपा में शामिल होने पर सायरा बानो ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा की नीतियों से प्रेरित होकर पार्टी में शामिल हुई हैं। वे महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष करते रहेंगे। 22 अगस्त 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक के मुद्दे पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया।