नमक हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी का अहम हिस्सा है। कोई भी व्यंजन हो, नमक के बिना उसका स्वाद अधूरा लगता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि बाज़ार में मिलने वाले अलग-अलग तरह के नमक में क्या अंतर होता है? ख़ास तौर पर सफ़ेद नमक, सेंधा नमक और काला नमक- तीनों ही अलग-अलग खूबियों के साथ आते हैं और इनका इस्तेमाल भी अलग-अलग तरीक़ों से किया जाता है। आइए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं।
सफेद रंग का साधारण नमक जिसे हम रोज़ाना इस्तेमाल करते हैं उसे टेबल सॉल्ट या साधारण नमक कहते हैं। इसे समुद्री पानी या नमक की खदानों से निकाला जाता है और फिर रिफाइन करके पैकेट में बेचा जाता है। इसमें मुख्य रूप से सोडियम क्लोराइड (NaCl) होता है और कभी-कभी इसमें आयोडीन भी मिलाया जाता है ताकि शरीर में आयोडीन की कमी न हो। हालाँकि, इसे प्रोसेस करने के दौरान इसमें मौजूद कई खनिज नष्ट हो जाते हैं, जिससे यह कम पौष्टिक हो सकता है।
सेंधा नमक (सेंधा नमक)
सेंधा नमक का इस्तेमाल हम अक्सर व्रत के दौरान करते हैं। इसे अंग्रेजी में रॉक साल्ट कहते हैं और यह समुद्र के पानी को सुखाने से बने नमक के बड़े-बड़े टुकड़ों से तैयार किया जाता है। यह सफेद, गुलाबी या हल्के भूरे रंग का हो सकता है। सोडियम क्लोराइड के अलावा इसमें दूसरे मिनरल्स भी होते हैं, जो इसे साधारण नमक से ज़्यादा फ़ायदेमंद बनाते हैं। यह पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है और एसिडिटी को कम करता है। इसमें मौजूद मिनरल्स शरीर में इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बनाए रखते हैं। यह ब्लड प्रेशर को संतुलित रखने में मदद करता है। यह व्रत के दौरान शरीर को ज़रूरी पोषक तत्व पहुंचाने का काम करता है।
काला नमक
काला नमक दिखने में हल्का गुलाबी या गहरा भूरा होता है। इसका स्वाद थोड़ा तीखा और गंध तेज़ होती है, जो इसमें मौजूद सल्फर के कारण आती है। इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से आयुर्वेदिक दवाओं और मसालों में किया जाता है। यह पेट की समस्याओं को दूर करता है और पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है। यह एसिडिटी और गैस की समस्या में राहत देता है। इसमें सोडियम की मात्रा कम होती है, जिसकी वजह से इसे हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए सुरक्षित माना जाता है। यह शरीर में मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने और वजन कम करने में मदद कर सकता है।