‘सबसे अनैतिक लोग भी शर्मिंदा हैं…’ अमेरिकी दंपत्ति ने पांच बच्चों को गोद लिया, अदालत ने उन्हें 375 साल की जेल की सज़ा सुनाई

अमेरिकी समाचार: अमेरिका में एक जघन्य बाल गोद लेने घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। इस घोटाले में दम्पति को अदालत ने 375 साल की जेल की सजा सुनाई थी। रिपोर्ट के अनुसार, वेस्ट वर्जीनिया में रहने वाला एक जोड़ा बहुत मशहूर था। उन्होंने बच्चों को गोद लिया और उन्हें अपने पास रखा। इस दम्पति ने पांच अनाथ बच्चों को गोद लिया। महत्वपूर्ण बात यह थी कि इस श्वेत दम्पति ने हमेशा काले बच्चों को ही गोद लिया था। किसी को नहीं पता था कि इसके पीछे क्या उद्देश्य था। लेकिन जब उसका राज खुला तो सभी हैरान रह गए। जब पुलिस ने इसका खुलासा किया तो दुनियाभर में सोशल मीडिया पर भी इसकी चर्चा हुई। 

उसने ऐसा कृत्य किया जो सबसे निर्दोष लोगों को भी शर्मसार कर देगा।

वेस्ट वर्जीनिया सर्किट कोर्ट ने हाल ही में 63 वर्षीय जेनी और 64 वर्षीय डोनाल्ड लेट्ज़ नामक दम्पति को 375 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई। यह सजा सुनाते हुए न्यायाधीश ने कहा, “तुम्हारा अपराध क्षमा योग्य नहीं है।” हो सकता है कि भगवान किसी समय आप पर दया कर दें, लेकिन अदालत नहीं करेगी। तुमने ऐसा कृत्य किया है जिससे सबसे निर्दोष व्यक्ति भी शर्मिंदा हो जाएगा। 

 

घटना क्या थी?

इस अमेरिकी दम्पति ने पांच अश्वेत बच्चों को गोद लिया। जब तक उन्होंने बच्चों को गोद नहीं ले लिया, तब तक इससे कोई फर्क नहीं पड़ा। दम्पति ने गोद लेने की आड़ में सभी पांचों बच्चों को अपने घर में गुलाम और मजदूर के रूप में रखा। 

कल्याण जांच के दौरान किया गया खुलासा

कनावाहा काउंटी पुलिस ने बताया कि दम्पति ने मिनेसोटा से पांच बच्चों को गोद लिया था। जब वे अनाथालय से पांच अश्वेत बच्चों को लेकर आये तो सभी ने उनकी सराहना की। कुछ समय बाद ये लोग मिनेसोटा छोड़कर वाशिंगटन आ गये। इसके बाद वे पश्चिमी वर्जीनिया चले गये। यहां एक बार पुलिस ने लोगों के घरों पर कल्याण जांच की थी। इस जांच के दौरान दम्पति की घिनौनी मानसिकता और व्यवहार उजागर हुआ। 

 

बच्चों को कैदी बनाया गया

दम्पति ने सभी पांचों बच्चों को एक छोटे से पिंजरेनुमा कमरे में बंद कर रखा था। उनके पास बुनियादी सुविधाएं भी नहीं थीं। वहां शौचालय की जगह उनके लिए सिर्फ एक बाल्टी रखी हुई थी। इसके अलावा वहां न तो पीने का पानी था और न ही सफाई की व्यवस्था थी। बच्चों को सीमेंट के फर्श पर सोना पड़ता था और उन्हें बहुत कम भोजन दिया जाता था। वे केवल घरेलू काम करने के लिए पिंजरे से बाहर आते थे और फिर वापस अंदर डाल दिए जाते थे। पुलिस ने बताया कि यह दम्पति वंशवादी दम्पति था। वे काले लोगों से नफरत करते थे और इस वजह से, उन्होंने बच्चों को गोद लिया, उन्हें घर ले आए और उनसे मजदूर के रूप में काम करवाया। वे उन्हें गुलामों की तरह रखते थे।