सनस्क्रीन से जुड़े मिथक, लोग आसानी से कर लेते हैं इन पर यकीन

गर्मी का मौसम आते ही लोग अपनी त्वचा की सुरक्षा को लेकर सतर्क हो जाते हैं। सूरज की तेज किरणों से बचने के लिए सनस्क्रीन का इस्तेमाल सबसे जरूरी है। लेकिन, आज भी कई लोग इसे लेकर कई गलतफहमियों के शिकार हैं। कुछ लोगों को लगता है कि घर में रहने पर सनस्क्रीन की जरूरत नहीं है, जबकि कुछ का मानना ​​है कि सिर्फ हाई एसपीएफ होना ही काफी है। इन गलतफहमियों के कारण कई बार लोग अपनी त्वचा को नुकसान पहुंचा लेते हैं।

सनस्क्रीन सिर्फ़ गर्मियों में ही नहीं बल्कि हर मौसम में ज़रूरी है। यह त्वचा को सूरज की हानिकारक यूवी किरणों से बचाता है, जिससे झुर्रियाँ, टैनिंग, सनबर्न और स्किन कैंसर जैसी समस्याओं का ख़तरा कम होता है। लेकिन, कई लोग इससे जुड़े कुछ आम मिथकों पर यकीन कर लेते हैं और इसका सही तरीक़े से इस्तेमाल नहीं कर पाते। अगर आप भी सनस्क्रीन के इस्तेमाल को लेकर किसी ग़लतफ़हमी का शिकार हैं, तो इन्हें दूर करने की ज़रूरत है। आइए जानते हैं सनस्क्रीन से जुड़े आम मिथक और उनकी सच्चाई के बारे में।

सनस्क्रीन से जुड़े 5 मिथक

1. आपको केवल गर्मियों में सनस्क्रीन लगाने की ज़रूरत है

यह सबसे आम गलतफहमी है। सनस्क्रीन सिर्फ़ गर्मियों के लिए ही नहीं, बल्कि हर मौसम में ज़रूरी है। सर्दी हो या बरसात, सूरज की UV किरणें हमारी त्वचा को कभी भी नुकसान पहुँचा सकती हैं। इसलिए हर दिन सनस्क्रीन लगाना ज़रूरी है।

2. घर के अंदर सनस्क्रीन की ज़रूरत नहीं है

बहुत से लोग सोचते हैं कि अगर वे घर के अंदर हैं या धूप नहीं है, तो उन्हें सनस्क्रीन लगाने की ज़रूरत नहीं है। लेकिन यह सच नहीं है! यूवी किरणें खिड़कियों और बादलों से भी गुज़र सकती हैं, जिससे त्वचा को नुकसान पहुँच सकता है। इसलिए, घर के अंदर रहते हुए भी सनस्क्रीन लगाना चाहिए।

3. सनस्क्रीन एक बार लगाना चाहिए

हर 2-3 घंटे में सनस्क्रीन लगाना ज़रूरी है। पसीना, धूल, पानी और रगड़ से धीरे-धीरे इसका असर कम होता जाता है। इसलिए, अगर आप लंबे समय तक बाहर रहते हैं या तैराकी करते हैं, तो बार-बार सनस्क्रीन लगाएं।

4. अधिक एसपीएफ, अधिक सुरक्षा

यह एक बड़ी ग़लतफ़हमी है। SPF (सन प्रोटेक्शन फैक्टर) सिर्फ़ UVB किरणों से सुरक्षा प्रदान करता है, जबकि UVA किरणों से बचाव के लिए ब्रॉड-स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन चुनना ज़रूरी है। SPF 30 से ऊपर का कोई भी सनस्क्रीन पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करता है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसे सही तरीके से और सही मात्रा में लगाया जाए।

5. तैलीय त्वचा वाले लोगों को सनस्क्रीन की ज़रूरत नहीं होती

बहुत से लोग सोचते हैं कि अगर उनकी त्वचा तैलीय है, तो उन्हें सनस्क्रीन लगाने की ज़रूरत नहीं है। लेकिन यह सच नहीं है! हर तरह की त्वचा को सनस्क्रीन की ज़रूरत होती है। आजकल बाज़ार में ऑयल-फ्री और मैट फ़िनिश सनस्क्रीन उपलब्ध हैं, जो तैलीय त्वचा वालों के लिए एकदम सही हैं।