
पाकिस्तानी भिखारियों की कहानियां अक्सर अंतरराष्ट्रीय चर्चा का विषय रही हैं, लेकिन हाल ही में सऊदी अरब में सक्रिय एक विशेष महिला गिरोह ने वहां की सरकार और आम लोगों के लिए गंभीर समस्याएं खड़ी कर दी हैं। इस बुर्का पहनने वाली महिला भिखारी बटालियन ने सऊदी अरब में इस कदर हलचल मचा दी है कि वहां के नागरिकों को इनके डरावने व्यवहार की शिकायतें करते देखा जा रहा है।
बुर्का गैंग का आतंक
यह गिरोह विशेष रूप से उमराह और धार्मिक यात्रा के बहाने सऊदी अरब पहुंचता है। विमान भरकर आने वाली ये महिलाएं सार्वजनिक स्थानों पर जबरदस्ती भीख मांगती हैं और कई बार हिंसा या छीना-झपटी पर भी उतर आती हैं। कई मामलों में उन्होंने विदेशी महिलाओं को घेरकर जबरन उनसे पैसे छीने हैं।
इंडोनेशियाई महिला से छीना-झपटी
एक घटना में मदीना में इंडोनेशिया से आई महिला को पाकिस्तानी महिलाओं ने भीख देने के लिए घेर लिया। शुरुआत में यह केवल मांगने तक सीमित थी, लेकिन जल्द ही ये महिलाएं उससे जबरदस्ती पैसे छीनने लगीं। यहां तक कि उसकी टोपी भी गिरा दी गई और वह असहाय हो गई। हैरानी की बात यह रही कि इस पूरे घटनाक्रम में पाकिस्तानी महिलाएं हंसती रहीं और उसे तब तक नहीं छोड़ा जब तक उसकी जेब पूरी तरह खाली नहीं हो गई।
सऊदी अरब में बिगड़ती छवि
सऊदी अरब के कई शहरों में अब ऐसी घटनाएं आम होती जा रही हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि जो भी पाकिस्तानी आता है, वह भिखारी होता है। बाजारों, गलियों और धार्मिक स्थलों पर यह गिरोह सक्रिय है, जिससे वहां की जनता में असहजता और नाराजगी बढ़ रही है।
पाकिस्तानियों की नाराजगी और खुद के खिलाफ कदम
इस गिरोह के कारण वहां काम करने वाले अन्य पाकिस्तानी नागरिक भी शर्मिंदा हैं। कुछ ने तो अब अपने ही देशवासियों को पुलिस में रिपोर्ट करना शुरू कर दिया है। वे वीडियो बनाकर सऊदी पुलिस को सौंप रहे हैं ताकि ऐसे भिखारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सके। सोशल मीडिया पर इन रेड्स के वीडियो वायरल हो रहे हैं।
सऊदी सरकार की सख्ती
सऊदी सरकार अब ऐसे पाकिस्तानी नागरिकों को वीजा देने से पहले उनसे शपथपत्र ले रही है कि वे देश में जाकर भीख नहीं मांगेंगे। यहां तक कि उमराह के लिए आने वाले लोगों से भी एफिडेविट मांगा जा रहा है। कई बार तो वीजा प्रतिबंध भी लगाया जा चुका है।
यह केवल भीख नहीं, एक सुनियोजित रैकेट
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कोई सामान्य गरीबी का मामला नहीं है, बल्कि एक सुनियोजित रैकेट है। एजेंटों के ज़रिए इन महिलाओं को वीजा दिलवाया जाता है, सऊदी में रहने की व्यवस्था कराई जाती है और फिर उन्हें सड़क पर भीख मांगने के लिए भेजा जाता है। इस तरह ये लोग हर महीने लाखों रुपये कमाते हैं। जब वे वापस पाकिस्तान लौटते हैं, तो उनकी आर्थिक स्थिति पूरी तरह बदल चुकी होती है।
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