शनि वक्री 2025: किस राशियों को मिलेगा लाभ, कौन रहें सतर्क

 

शनि वक्री 2025: किस राशियों को मिलेगा लाभ, कौन रहें सतर्क
शनि वक्री 2025: किस राशियों को मिलेगा लाभ, कौन रहें सतर्क

ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह को कठोर लेकिन न्यायप्रिय माना जाता है। यह ग्रह कर्मों के अनुसार फल देता है और अनुशासन, व्यवहारिकता, संरचना, कानून तथा सामाजिक न्याय से जुड़ा होता है। यही कारण है कि शनि की चाल में मामूली बदलाव भी सभी राशियों के जीवन पर गहरा असर डाल सकता है।

करीब 30 वर्षों के बाद शनि मीन राशि में प्रवेश कर चुके हैं और वर्ष 2027 तक इसी राशि में रहेंगे। इस दौरान जब शनि वक्री यानी उल्टी चाल में होंगे, तब इनका प्रभाव और अधिक गहरा हो जाएगा। 13 जुलाई 2025 को सुबह 9 बजकर 36 मिनट पर शनि मीन राशि में वक्री हो जाएंगे। यह बदलाव कुछ राशियों के लिए बेहद लाभकारी सिद्ध हो सकता है, जबकि कुछ को सावधानी बरतने की जरूरत होगी। आइए जानते हैं किन राशियों को शनि की वक्री चाल का विशेष लाभ मिल सकता है।

कन्या राशि

शनि इस राशि के सातवें भाव में वक्री होंगे, जो कि साझेदारी, वैवाहिक जीवन और व्यवसाय से जुड़ा हुआ होता है। इस दौरान कन्या राशि के जातकों को नौकरी के नए अवसर मिल सकते हैं। व्यापार में मुनाफा, आर्थिक वृद्धि और पार्टनरशिप में सफलता की प्रबल संभावना है। मेहनत का पूरा फल मिलेगा और नई नौकरी की तलाश कर रहे लोगों को सफलता मिल सकती है।

प्रेम संबंधों में स्थिरता और मधुरता आएगी, कुछ जातक विवाह का निर्णय भी ले सकते हैं। शिक्षा, प्रॉपर्टी और वाहन से जुड़े कार्यों में लाभ संभव है। अनुशासन और धैर्य से किया गया काम सफलता दिला सकता है।

मकर राशि

मकर राशि के लिए शनि की वक्री स्थिति शुभ संकेत लेकर आ रही है। शनि इस राशि के तीसरे भाव में वक्री होंगे, जो साहस, संचार और भाई-बहनों से जुड़ा होता है। इस समय किस्मत का साथ मिलने लगेगा और नई नौकरी के अवसर बन सकते हैं। साढ़ेसाती से राहत मिलने से मानसिक तनाव कम होगा।

संचार कौशल बेहतर होगा, जिससे पेशेवर जीवन में फायदा मिलेगा। छोटे भाई-बहनों और दोस्तों का सहयोग प्राप्त होगा। यात्राएं लाभकारी सिद्ध हो सकती हैं। पारिवारिक और सामाजिक रिश्तों में आई दूरी भी कम हो सकती है।

मीन राशि

मीन राशि के लिए यह समय विशेष रूप से फलदायी हो सकता है क्योंकि शनि इस राशि के लग्न भाव में वक्री होंगे। इससे सेहत में सुधार और मानसिक ऊर्जा का अनुभव होगा। आत्मचिंतन और आत्मविकास की प्रवृत्ति बढ़ेगी, जिससे व्यक्तित्व में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

सामाजिक जीवन में सक्रियता और प्रभाव बढ़ेगा। विदेश में नौकरी या व्यापार करने वालों को अच्छा लाभ मिल सकता है। जीवनसाथी के साथ संबंध बेहतर होंगे और करियर में आगे बढ़ने के अवसर मिल सकते हैं। संयम और धैर्य से किया गया हर प्रयास फलदायी सिद्ध होगा।

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