
ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह का एक महत्वपूर्ण स्थान है। शनि देव को कर्मफल दाता और न्याय के देवता के रूप में जाना जाता है। जातकों को उनके कर्मों के अनुसार शनि देव पुरस्कार और दंड दोनों ही देते हैं। शनि ग्रह को एक क्रूर और आलसी ग्रह माना जाता है, क्योंकि यह सबसे धीमी गति से राशि परिवर्तन करता है। शनि ग्रह के राशि परिवर्तन के कारण कई राशियों पर शनि की महादशा और साढ़ेसाती का प्रभाव शुरू हुआ है, जबकि कुछ राशियों पर ये समाप्त हो चुकी हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि किन राशियों पर शनि की महादशा और साढ़ेसाती शुरू हुई है और इन ग्रहों के प्रभाव को कम करने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं।
शनि की महादशा और साढ़ेसाती
शनि ग्रह के राशि परिवर्तन के बाद साढ़ेसाती मकर राशि से समाप्त हो गई है, और वृश्चिक और कर्क राशि के जातकों पर से शनि की ढैय्या भी उतर चुकी है। वहीं, मेष राशि के जातकों पर साढ़ेसाती का पहला चरण, कुंभ राशि पर अंतिम चरण और मीन राशि के जातकों पर साढ़ेसाती का दूसरा चरण शुरू हो चुका है। इसके अलावा, सिंह और धनु राशि के जातकों पर शनि की ढैय्या शुरू हो गई है। जिन जातकों पर शनि की महादशा चल रही है, उनके जीवन में कई परिवर्तन हो सकते हैं। शनि की महादशा और साढ़ेसाती के प्रभावों को कम करने के लिए कुछ सरल और प्रभावी उपाय किए जा सकते हैं।
शनि दोष को कम करने के अचूक उपाय
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पीपल के पेड़ के नीचे दीया जलाना:
शनि की महादशा और साढ़ेसाती से प्रभावित व्यक्ति अगर पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल से दीया जलाएं, तो इसका सकारात्मक प्रभाव हो सकता है और शनि दोष कम हो सकता है। -
शनि चालीसा का पाठ:
शनि की महादशा और साढ़ेसाती के प्रभाव को कम करने के लिए शनि चालीसा का पाठ बहुत लाभकारी साबित हो सकता है। नियमित रूप से इसका पाठ करने से शनि का प्रभाव हल्का पड़ सकता है। -
ॐ शं शनैश्चराय नमः मंत्र का जाप:
यदि कोई जातक इस मंत्र का जाप 108 बार करता है, तो शनि की महादशा और साढ़ेसाती के प्रभाव को कम किया जा सकता है। यह उपाय शनि के कुप्रभावों से मुक्ति दिलाने में मददगार हो सकता है। -
हनुमान जी की पूजा:
शनिवार और मंगलवार को हनुमान जी की पूजा अर्चना करने से शनि के प्रभाव को कम किया जा सकता है। हनुमान जी के सामने दीप जलाने से भी सकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं। -
हनुमान चालीसा का पाठ:
हनुमान चालीसा का पाठ करने से शनि ग्रह के प्रभाव को कम किया जा सकता है। यह उपाय शनि के क्रूर प्रभावों को भी शांत करने में सहायक हो सकता है। -
हनुमान जी को सिंदूर और चमेली का तेल अर्पित करना:
जिन जातकों पर शनि की महादशा या साढ़ेसाती का प्रभाव है, उन्हें हनुमान जी के मंदिर में जाकर उन्हें सिंदूर और चमेली का तेल अर्पित करना चाहिए। यह उपाय शनि के कुप्रभाव को कम करने में लाभकारी हो सकता है। -
दान करना:
काले तिल, सरसों का तेल, उड़द की दाल, काले कपड़े और लोहे का सामान दान करने से शनि का दोष कम हो सकता है। दान से शनि देव प्रसन्न होते हैं और उनके कुप्रभाव से मुक्ति मिलती है। -
गरीबों को भोजन कराना:
गरीबों को भोजन कराना, उनकी मदद करना और समाज सेवा करना भी शनि देव को प्रसन्न कर सकता है। यह उपाय शनि की महादशा और साढ़ेसाती के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकता है। -
सरसों या तिल का तेल चढ़ाना:
शनि देव को सरसों या तिल का तेल चढ़ाने से शनि के क्रूर प्रभावों को कम किया जा सकता है। यह उपाय शनि दोष से बचाव करने में सहायक हो सकता है।