वैश्विक मंदी की आशंका गहराई, अमेरिका की व्यापार नीतियों और टैरिफ के फैसलों से बाजार में गिरावट

वैश्विक मंदी की आशंका गहराई, अमेरिका की व्यापार नीतियों और टैरिफ के फैसलों से बाजार में गिरावट
वैश्विक मंदी की आशंका गहराई, अमेरिका की व्यापार नीतियों और टैरिफ के फैसलों से बाजार में गिरावट

हाल ही में अमेरिका द्वारा लगभग 60 देशों पर जवाबी टैरिफ लगाने के फैसले के बाद वैश्विक शेयर बाजारों में गिरावट देखने को मिली है। खुद अमेरिकी बाजार रिकॉर्ड स्तर से नीचे गिर चुके हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम के कारण वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका बढ़ गई है, जिससे आर्थिक अनिश्चितता और महंगाई की संभावनाएं गहराने लगी हैं।

जेपी मॉर्गन (JP Morgan) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि अमेरिका और वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी की संभावना 60% तक पहुंच गई है, जो पहले 40% मानी जा रही थी। इस बढ़ती आशंका का प्रमुख कारण अमेरिका की नई व्यापार नीतियों और टैरिफ को बताया गया है।

टैरिफ नीति और वैश्विक असर

पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका ने कई देशों पर नए टैरिफ लगाए हैं। इसके जवाब में चीन ने भी अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क बढ़ा दिया है, जिससे व्यापारिक माहौल में अनिश्चितता फैल गई है। JP Morgan का कहना है कि अमेरिका की नीतियां अब पहले जैसी बिजनेस-फ्रेंडली नहीं रहीं, जिससे निवेशकों और कारोबारियों का भरोसा कम हो रहा है। अन्य देश भी टैरिफ के जवाब में समान प्रतिक्रिया दे सकते हैं, जिससे स्थिति और खराब हो सकती है।

मंदी की बढ़ती आशंका

  • S&P Global ने अमेरिका में मंदी की आशंका को बढ़ाकर 30% से 35% के बीच बताया है, जो पहले मार्च में 25% थी।
  • Goldman Sachs ने भी ट्रंप की हालिया नीतियों के बाद यह अनुमान 20% से बढ़ाकर 35% कर दिया है।
  • HSBC का कहना है कि मंदी की चर्चा अब अधिक गंभीर हो गई है, और इसके असर के संकेत बाजार में दिखाई देने लगे हैं।

HSBC के विश्लेषकों का अनुमान है कि शेयर बाजार पहले ही लगभग 40% मंदी की आशंका को ध्यान में रखते हुए प्रतिक्रिया दे रहे हैं।

शेयर बाजार पर सीधा प्रभाव

ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद नवंबर में शेयर बाजार में तेजी देखी गई थी, क्योंकि उम्मीद की जा रही थी कि वे व्यापार समर्थक नीतियां लागू करेंगे। लेकिन जनवरी में टैरिफ की घोषणा के बाद बाजार में गिरावट आ गई। S&P 500 इंडेक्स इस साल अब तक 8% गिर चुका है।

Barclays, Goldman Sachs, RBC और Capital Economics जैसी प्रमुख ब्रोकरेज कंपनियों ने भी अमेरिकी शेयर बाजार के साल के अंत तक के लक्ष्य घटा दिए हैं। वहीं UBS ने अपनी रेटिंग को ‘Attractive’ से घटाकर ‘Neutral’ कर दिया है।

ब्याज दरों में कटौती की संभावना

आर्थिक सुस्ती को देखते हुए विश्लेषकों को उम्मीद है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती कर सकता है ताकि आर्थिक गतिविधियों को दोबारा गति दी जा सके।

  • JP Morgan को उम्मीद है कि फेडरल रिजर्व दो बार 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर सकता है।
  • Goldman Sachs ने तीन बार कटौती की संभावना जताई है, जो पहले दो बार थी।
  • Nomura और RBC ने एक से तीन बार तक कटौती की उम्मीद जताई है।
  • UBS का अनुमान है कि साल 2025 में 75 से 100 बेसिस प्वाइंट की कटौती संभव है।
  • Citigroup ने मई से 125 बेसिस प्वाइंट तक कटौती का अनुमान दोहराया है।

निवेशक भी ब्याज दरों में कम से कम 100 बेसिस प्वाइंट की कटौती की उम्मीद कर रहे हैं।

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