गुजरात के 157 स्कूलों में एक भी छात्र के 10वीं पास न होने की खबर पर अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पोस्ट में भाजपा और गुजरात मॉडल पर हमला बोला है । इसलिए केजरीवाल ने इस ट्वीट का समर्थन किया है। जब गुजरात को बदनाम करने का मुद्दा उठाया गया तो गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी ने जवाब दिया।
अखिलेश यादव ने हमारी सहयोगी वेबसाइट के पुराने लेखों के स्क्रीनशॉट का उपयोग करके गुजरात को बदनाम करने की कोशिश की है। अखिलेश यादव ने एक खबर साझा करते हुए कहा कि गुजरात मॉडल विफल हो गया है, जिस पर आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने उनका समर्थन किया। हालांकि अखिलेश यादव ने जिस नतीजे पर हमला बोला है वह 2 साल पुराना है। हालांकि, जैसे ही गुजरात मॉडल के फेल होने की बात सामने आई, गुजरात के गृह राज्य मंत्री ने ट्वीट कर जवाब दिया।
अखिलेश का सवाल:
अखिलेश यादव ने पोस्ट में लिखा कि गुजरात मॉडल फेल हो गया है… गुजरात के 157 स्कूलों में एक भी छात्र 10वीं की बोर्ड परीक्षा पास नहीं कर पाया है। हम भाजपा को हटाएंगे और भविष्य को बचाएंगे!
केजरीवाल द्वारा उठाया गया मुद्दा
गुजरात मॉडल है। यह भाजपा का मॉडल है जिसे वे पूरे देश में लागू करना चाहते हैं। यह एक डबल इंजन मॉडल है। वे पूरे देश को अशिक्षित रखना चाहते हैं। मुझे एक भी ऐसा राज्य बताइए जहां उनकी सरकार हो और उन्होंने वहां शिक्षा को बर्बाद न किया हो। इस मॉडल के तहत अब वे दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं।
हर्ष संघवी ने दिया जवाब
फर्जी नेताओं से सावधान! मैंने इतने नकली और धोखेबाज नेता कभी नहीं देखे। गुजरात बोर्ड के नतीजे अभी घोषित नहीं हुए हैं, लेकिन श्री अखिलेश यादव और उनके सहयोगी अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया पर फर्जी नतीजे शेयर कर दिए हैं। यह गलत सूचना फैलाने और जनमत को प्रभावित करने का स्पष्ट प्रयास है। इन नेताओं को बच्चों को अपनी गंदी राजनीति में घसीटने का कोई अधिकार नहीं है।
अखिलेश यादव ने कौन सा परिणाम घोषित किया?
वर्ष 2023 में गुजरात में कक्षा 10 का परिणाम घोषित किया गया। उस समय, राज्य में गुजरात बोर्ड कक्षा 10 का कुल उत्तीर्ण प्रतिशत 76 प्रतिशत के साथ 64.62 प्रतिशत था, जबकि दाहोद सिर्फ 40.75 प्रतिशत की उत्तीर्ण दर के साथ सूची में सबसे नीचे था।
जबकि 157 स्कूलों में एक भी बच्चा पास नहीं हो सका। एक रिपोर्ट के अनुसार, दोबारा परीक्षा देने वाले 165690 छात्रों में से केवल 27446 ही पास हुए। इस परिणाम को लेकर उस समय कई सवाल उठाए गए थे। दो साल बाद यह परिणाम एक बार फिर चर्चा में आ गया है। जिससे गुजरात मॉडल पर सवाल उठ रहे हैं। गुजरात मॉडल को बदनाम करने की बात सामने आते ही भाजपा की ओर से इस मामले पर प्रतिक्रिया आई।