
गुजरात के ग्रामीण क्षेत्रों में राज्य सरकार की ‘वतन प्रेम योजना’ के चलते सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहे हैं। इस योजना का उद्देश्य प्रवासी भारतीयों को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के तहत अपने पैतृक गांवों के विकास में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रोत्साहित करना है।
कब हुई थी योजना की शुरुआत?
वतन प्रेम योजना की शुरुआत वर्ष 2021 में की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य गुजरात से बाहर रहने वाले प्रवासी भारतीयों को उनके गांवों के विकास से जोड़ना है। इस योजना के तहत वे स्वेच्छा से योगदान देकर गांवों में स्कूलों के नवीनीकरण, सड़क निर्माण, स्वच्छता, और अन्य बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं में मदद कर सकते हैं।
खडाल गांव में बना नया स्कूल
खेड़ा जिले के खडाल गांव के सरपंच फूलसिंह जाला ने बताया कि इस योजना के माध्यम से गांव को विशेष रूप से शिक्षा के क्षेत्र में लाभ मिला है। प्रवासी भारतीयों द्वारा दिए गए 72 लाख रुपये के योगदान से गांव में एक नया स्कूल बनाया गया, जिसमें आज लगभग 400 छात्र गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। यह स्कूल अब आस-पास के गांवों के लिए भी प्रेरणा बन गया है।
उत्तरसंडा गांव में नौ करोड़ रुपये का योगदान
खेड़ा के ही उत्तरसंडा गांव में रहने वाले प्रवासी भारतीयों ने अब तक नौ करोड़ रुपये का योगदान दिया है। इस राशि से गांव में तालाबों के सौंदर्यीकरण, आधुनिक बस स्टैंड, और अन्य सार्वजनिक सुविधाओं का निर्माण किया गया है।
‘देश से प्रेम’ बना प्रेरणा का स्रोत
प्रवासी भारतीय कौशिकभाई पटेल ने कहा, “हम भले ही विदेश में रहते हैं, लेकिन दिल हमेशा अपने देश और गांव से जुड़ा रहता है। यही प्रेम हमें प्रेरित करता है कि हम अपने गांव के लिए कुछ करें। हम चाहते हैं कि आने वाली पीढ़ियां भी गर्व से कह सकें कि उनका गांव प्रगति कर रहा है।”
भूटान का अनोखा चिमी ल्हाखांग मंदिर: जहां लिंग का प्रतीक माना जाता है शुभ और रक्षक