वक्फ संशोधन विधेयक: अमित शाह और अखिलेश यादव के बीच तीखी बहस, AIMPLB ने भी किया विरोध

वक्फ संशोधन विधेयक: अमित शाह और अखिलेश यादव के बीच तीखी बहस, AIMPLB ने भी किया विरोध
वक्फ संशोधन विधेयक: अमित शाह और अखिलेश यादव के बीच तीखी बहस, AIMPLB ने भी किया विरोध

वक्फ संशोधन विधेयक पर संसद में चर्चा के दौरान बुधवार को समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बीच तीखी बहस देखने को मिली। इस दौरान अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर जमकर हमला बोला, तो वहीं अमित शाह ने भी जवाबी पलटवार किया।

भाजपा अपना अध्यक्ष नहीं चुन पा रही: अखिलेश यादव

चर्चा के दौरान अखिलेश यादव ने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा, “भाजपा खुद को दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बताती है लेकिन वह अभी तक अपना अध्यक्ष नहीं चुन पाई है।” उन्होंने वक्फ विधेयक को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह विधेयक कई खामियों से भरा हुआ है और सरकार अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए इसे लेकर आई है। अखिलेश ने आरोप लगाया कि यह विधेयक मुसलमानों से उनकी संपत्ति, घर और दुकानें छीनने की साजिश है।

उन्होंने यह भी कहा, “भाजपा अलोकतांत्रिक पार्टी है जो असहमति को अपनी जीत मानती है। यह विधेयक मुसलमानों को उकसाने और उनमें बंटवारा करने की कोशिश है।” अखिलेश ने सरकार से पूछा कि जब रेलवे और सेना की जमीनें बेची जा सकती हैं, तो क्या वक्फ की जमीनें भी किसी और को नहीं दी जाएंगी?

अमित शाह का पलटवार

अखिलेश यादव के बयान पर जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “भाजपा अध्यक्ष का चुनाव एक लंबी और लोकतांत्रिक प्रक्रिया से होता है। पार्टी के 12 से 13 करोड़ सदस्य हैं, ऐसे में किसी एक का चयन करने में समय लगता है। हमारा अध्यक्ष किसी एक परिवार से नहीं आता और न ही चार-पांच लोगों में से चुना जाता है।” उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “अखिलेश यादव अगले 25 साल तक सपा के अध्यक्ष बने रहेंगे, क्योंकि वहां लोकतंत्र की जगह परिवारवाद चलता है।”

रविशंकर प्रसाद का बयान: वक्फ कोई धार्मिक संस्था नहीं

भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने भी इस विधेयक पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, “वक्फ एक धार्मिक नहीं, बल्कि वैधानिक संस्था है।” उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि वक्फ की संपत्तियों का सही इस्तेमाल नहीं हुआ। उन्होंने पूछा, “इन संपत्तियों पर कितने स्कूल, अस्पताल या महिला कल्याण केंद्र बने? गरीब मुस्लिम महिलाओं की कितनी शादियां करवाई गईं?” साथ ही उन्होंने शाहबानो मामले का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस ने उस वक्त तुष्टिकरण की राजनीति की थी और उसके बाद कांग्रेस कभी बहुमत में नहीं आ पाई।

AIMPLB का विरोध

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध करते हुए इसे मुसलमानों के लिए नुकसानदेह बताया। AIMPLB के वरिष्ठ सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा, “हमने और अन्य मुस्लिम संगठनों ने इस विधेयक को लेकर अपनी चिंताओं को संयुक्त संसदीय समिति तक पहुंचाया था, लेकिन इसे नजरअंदाज कर दिया गया।”

उन्होंने बताया कि दिल्ली, पटना सहित कई शहरों में इस विधेयक के विरोध में सांकेतिक रूप से काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किए गए। AIMPLB ने स्पष्ट किया कि वे इस विधेयक का पूरी तरह से विरोध करते रहेंगे।

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