
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को दिल्ली में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक का पारित होना सामाजिक न्याय की दिशा में एक बड़ा और महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने इस मौके पर कांग्रेस पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप भी लगाया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नया वक्फ कानून गरीब पसमांदा मुस्लिमों, महिलाओं और बच्चों के अधिकारों की रक्षा करेगा। उन्होंने कहा कि तुष्टिकरण की राजनीति कोई नई बात नहीं है, इसके बीज आज़ादी के समय ही बो दिए गए थे। उन्होंने कहा कि द्वि-राष्ट्र का विचार आम मुसलमानों का नहीं था, बल्कि कुछ कट्टरपंथियों का था, जिसे कांग्रेस ने राजनीतिक लाभ के लिए बढ़ावा दिया।
क्या मिला आम मुसलमान को: प्रधानमंत्री ने उठाए सवाल
प्रधानमंत्री मोदी ने सवाल किया कि आखिर आम मुसलमानों को इससे क्या मिला। उन्होंने कहा कि पसमांदा मुस्लिम आज भी उपेक्षित हैं, उन्हें शिक्षा और रोजगार के पर्याप्त अवसर नहीं मिले। उन्होंने शाहबानो केस का ज़िक्र करते हुए कहा कि मुस्लिम महिलाओं को भी न्याय से वंचित किया गया और उनके संवैधानिक अधिकारों की अनदेखी की गई।
मोदी ने यह भी कहा कि 1947 में देश का बंटवारा भी इसी तुष्टिकरण की राजनीति का नतीजा था, जब कांग्रेस नेतृत्व ने अलग राष्ट्र के विचार का पूरी तरह विरोध नहीं किया। प्रधानमंत्री के अनुसार, यह विचार आम मुसलमानों का नहीं, बल्कि कुछ कट्टरपंथियों का था।
2013 के कानून ने भ्रम फैलाया: प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2013 में संप्रग सरकार द्वारा लाया गया वक्फ अधिनियम संशोधन मुस्लिम कट्टरपंथियों और भू-माफियाओं को खुश करने की कोशिश थी। उन्होंने कहा कि उस कानून ने यह भ्रम फैलाया कि यह संविधान से ऊपर है और न्याय की दिशा को सीमित कर दिया।
उन्होंने कहा कि इस कानून से न केवल कट्टरपंथ को बढ़ावा मिला, बल्कि जमीनों को लेकर कई विवाद भी खड़े हुए। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि केरल में ईसाइयों की जमीन पर, हरियाणा में गुरुद्वारों की जमीन पर और कर्नाटक में किसानों की जमीन पर वक्फ के दावे किए गए हैं।
संसद को बताया शानदार कार्य के लिए बधाई योग्य
प्रधानमंत्री ने संशोधित वक्फ कानून को पारित करने के लिए संसद को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस कानून से वक्फ की मूल भावना सुरक्षित रहेगी और साथ ही गरीब पसमांदा मुसलमानों, महिलाओं और बच्चों के अधिकारों की रक्षा भी होगी।
प्रधानमंत्री ने बताया कि यह विधेयक संसद के इतिहास में दूसरी सबसे लंबी चर्चा वाला रहा। दोनों सदनों में 16 घंटे चर्चा हुई, संयुक्त संसदीय समिति की 38 बैठकें हुईं और कुल 128 घंटे विचार-विमर्श चला। देशभर से करीब एक करोड़ सुझाव भी प्राप्त हुए। उन्होंने कहा कि यह दर्शाता है कि लोकतंत्र केवल संसद भवन तक सीमित नहीं है, बल्कि देश की जनता की सक्रिय भागीदारी से मजबूत होता है।
भारत न झुकेगा, न रुकेगा: प्रधानमंत्री का संकल्प
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने वर्ष 2025 के पहले 100 दिनों में कई नए फैसलों से देश में संभावनाओं के नए द्वार खोले हैं। उन्होंने अंतरिक्ष और परमाणु जैसे क्षेत्रों में निजी कंपनियों की भागीदारी को इस दिशा में बड़ा कदम बताया।
उन्होंने कहा कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत तेजी से विकास कर रहा है और बीते दस वर्षों में देश की अर्थव्यवस्था का आकार दोगुना हो चुका है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जो लोग मानते थे कि भारत धीमी गति से आगे बढ़ेगा, वे अब एक तेज़, निडर और आत्मविश्वासी भारत को देख रहे हैं।
दिल्ली और बिहार समेत ये राज्य युवाओं को प्रशिक्षण देने में पीछे हैं; कोई परिषद स्थापित नहीं की गई