वक्फ संशोधन विधेयक: वक्फ संशोधन विधेयक 2024 को लेकर देशभर में मचे बवाल के बीच मंगलवार को मुंबई की हांडीवाला मस्जिद में उलेमा, इमाम और मदरसा शिक्षकों की आपात बैठक हुई. इस बैठक में विधेयक के खिलाफ आवाज उठाई गई और इसे मुसलमानों की संपत्ति जब्त करने की एक सुनियोजित साजिश बताया गया। बैठक का आयोजन रजा अकादमी द्वारा किया गया था। जिसमें संगठन के अध्यक्ष अल्हाज मोहम्मद सईद नूरी साहब ने कहा कि वक्फ बिल 2024 मुसलमानों की संपत्तियों को सीधे तौर पर जब्त करने की साजिश है, जिसे किसी भी हालत में स्वीकार नहीं किया जाएगा।
करो या मरो की चेतावनी
के तहत उपस्थित धार्मिक नेताओं ने कहा कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों को हड़पने का प्रयास है। मौलाना एजाज अहमद कश्मीरी ने सरकार पर हमला करते हुए कहा, “वक्फ की जमीनें किसी के बाप की जागीर नहीं हैं, वे हमारे पूर्वजों की संपत्ति हैं और उनकी रक्षा करना हमारा धार्मिक कर्तव्य है।” उन्होंने यह भी कहा कि “वे इस विधेयक के खिलाफ हर बलिदान देने के लिए तैयार हैं।”
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राजनीतिक दलों को चेतावनी
सईद नूरी ने समर्थक दलों, खासकर चंद्रबाबू नायडू, नीतीश कुमार, जयंत चौधरी और चिराग पासवान को चेतावनी देते हुए कहा, “अगर वे 2 अप्रैल को संसद में इस विधेयक का खुलकर विरोध नहीं करते हैं, तो अल्पसंख्यक समुदाय का उन पर से भरोसा उठ जाएगा।” उन्होंने आरोप लगाया कि “यदि ये नेता विधेयक का विरोध नहीं करते हैं, तो इसका मतलब होगा कि उन्होंने अपनी पार्टियों को मोदी सरकार को बेच दिया है।”