कोलकाता: वक्फ अधिनियम के विरोध में पश्चिम बंगाल में हिंसक विरोध प्रदर्शन की लहर फैल गई है और मुर्शिदाबाद जिले के विभिन्न हिस्सों में तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई है। सुती, धुलियान, शमशेरगंज, जंगीपुर, अमातला और चापदानी सहित कई इलाकों में हिंसा, तोड़फोड़ और रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की खबरें मिली हैं।
शुक्रवार रात को शुरू हुई हिंसा शनिवार सुबह फिर भड़क उठी। धुलियान और शमशेरगंज इलाके में शांति भंग हुई है और गोलीबारी की घटनाएं भी सामने आई हैं। पिछले दो दिनों में कुल चार लोगों को गोली मारी गयी है। गुलाम मोहिउद्दीन शेख (21) और हसन शेख (12) गंभीर रूप से घायल हो गए और उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है।
इस बीच, इस पृष्ठभूमि में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को स्पष्ट रूप से कहा कि “राज्य में वक्फ अधिनियम लागू नहीं किया जाएगा।” उन्होंने सभी नागरिकों से शांति एवं सामाजिक सद्भाव बनाए रखने की अपील की।
मुख्यमंत्री बनर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखते हुए कुछ राजनीतिक दलों की आलोचना की। उन्होंने कहा, “कुछ पार्टियां राजनीतिक लाभ के लिए धर्म का इस्तेमाल करने की कोशिश कर रही हैं। उनके बहकावे में न आएं।” उन्होंने आगे कहा, “हर इंसान की जान कीमती है। किसी भी तरह की धार्मिक दरार या हिंसा समाज के लिए खतरनाक है।” वक्फ अधिनियम पर अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए ममता बनर्जी ने कहा, “यह कानून केंद्र सरकार का है, बंगाल सरकार का नहीं। इसलिए केंद्र को इसके लिए जवाब देना चाहिए।”
राज्य में बढ़ती हिंसा के मद्देनजर पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार ने भी कड़ी चेतावनी जारी की है। “पुलिस स्थिति पर कड़ी नज़र रख रही है। अगर कोई कानून अपने हाथ में लेगा तो उसके खिलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जाएगी। अफ़वाहों से सावधान रहें और शांति बनाए रखें।” राजीव कुमार ने यह अपील की है।
इस बीच 11 अप्रैल को वक्फ अधिनियम के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान पश्चिम बंगाल में मुर्शिदाबाद समेत चार जिलों में हालात बिगड़ गए। पुलिस ने अब तक 120 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें सुती से 70 और शमशेरगंज से 41 लोग शामिल हैं।
शुक्रवार को मुर्शिदाबाद, उत्तर 24 परगना और मालदा जिलों में विरोध प्रदर्शन तेज हो गए। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग-12 पर सरकारी बसों और निजी वाहनों को आग लगा दी। इसके अलावा, सुति पुलिस स्टेशन की सीमा के भीतर साजुर क्रॉसिंग पर पुलिस पर पत्थरों और देशी बमों से हमला किया गया।
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। इस हिंसा में 10 पुलिसकर्मी घायल हो गए। विरोध प्रदर्शन के दौरान 3 लोगों के मरने की खबर है, लेकिन इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। स्थिति से निपटने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग और रेल यातायात कुछ समय के लिए बंद कर दिया गया। इसके अलावा दंगा प्रभावित क्षेत्रों में इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से निलंबित कर दी गईं।