लखनऊ को मिलेगा ‘ग्रेटर चारबाग’ रेलवे हब, रेलवे कनेक्टिविटी और यात्री सुविधाओं में होगी जबरदस्त क्रांति

लखनऊ को मिलेगा 'ग्रेटर चारबाग' रेलवे हब, रेलवे कनेक्टिविटी और यात्री सुविधाओं में होगी जबरदस्त क्रांति
लखनऊ को मिलेगा ‘ग्रेटर चारबाग’ रेलवे हब, रेलवे कनेक्टिविटी और यात्री सुविधाओं में होगी जबरदस्त क्रांति

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ एक और बड़े बदलाव की ओर अग्रसर है। अब शहर की रेलवे कनेक्टिविटी को आधुनिक और विश्वस्तरीय बनाने के लिए ‘ग्रेटर चारबाग’ परियोजना की शुरुआत हो चुकी है। यह मेगाप्रोजेक्ट लखनऊ जंक्शन और चारबाग स्टेशन को मिलाकर एक सशक्त और एकीकृत रेलवे हब के रूप में तैयार किया जाएगा।

यह कदम न केवल ट्रेनों के संचालन को आसान बनाएगा, बल्कि यात्रियों को भी एक आरामदायक, तेज और स्मार्ट यात्रा अनुभव देगा।

क्या है ‘ग्रेटर चारबाग’ प्रोजेक्ट?

‘ग्रेटर चारबाग’ योजना के तहत, लखनऊ के दो बड़े रेलवे स्टेशन—लखनऊ जंक्शन (पूर्वोत्तर रेलवे) और चारबाग स्टेशन (उत्तर रेलवे)—को एकीकृत कर एक सिंगल रेलवे हब बनाया जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य:

  • ट्रेनों के संचालन में तालमेल बढ़ाना
  • यातायात और पार्किंग की समस्या खत्म करना
  • दोनों मंडलों के मतभेद को खत्म कर एकीकृत संचालन सुनिश्चित करना

क्यों जरूरी है ये परियोजना?

अभी तक, लखनऊ के ये दोनों स्टेशन अलग-अलग रेलवे मंडलों के तहत काम करते हैं। इससे यात्रियों को:

  • ट्रेन पकड़ने में असुविधा
  • गाड़ियों के रूट में भ्रम
  • पार्किंग और ट्रैफिक जाम की समस्या
  • टिकटिंग और अपडेट में देरी

इन सब समस्याओं को खत्म करने के लिए यह परियोजना बदलाव की बुनियाद रख रही है।

क्या-क्या मिलेंगी यात्रियों को नई सुविधाएं?

‘ग्रेटर चारबाग’ स्टेशन को स्मार्ट रेलवे हब की तरह विकसित किया जाएगा, जिसमें होंगी:

  • स्मार्ट टिकटिंग सिस्टम और रीयल-टाइम ट्रेन अपडेट्स
  • साफ-सुथरे और आधुनिक वेटिंग हॉल्स
  • फूड कोर्ट्स, डिजिटल साइनबोर्ड, और हाई-स्पीड वाई-फाई
  • स्मार्ट पार्किंग व्यवस्था और बेहतर सुरक्षा
  • स्वच्छ टॉयलेट्स, बिजनेस लाउंज, और प्रशिक्षित स्टाफ

यात्रियों को अब मिलेगा एक एयरपोर्ट जैसे अनुभव वाला स्टेशन।

विवाद और समाधान: प्रशासनिक स्तर पर चल रही बातचीत

चारबाग और लखनऊ जंक्शन के संचालन के बीच लंबे समय से प्रशासनिक मतभेद चले आ रहे थे। दोनों स्टेशन अलग-अलग रेलवे ज़ोन में आते हैं—जिससे एकरूपता नहीं बन पाती थी।

उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के डीआरएम सचिंद्र मोहन शर्मा ने इस चुनौती को स्वीकार किया और अब पूर्वोत्तर रेलवे के साथ मिलकर साझा संचालन की योजना बनाई जा रही है।

दैनिक यात्री संघ के अध्यक्ष एसएस उप्पल के अनुसार, अब जब दोनों मंडलों की जिम्मेदारी एक ही महाप्रबंधक के पास आई है, तो वर्षों से अटके कैबवे चौड़ीकरण जैसे काम भी पूरे हो पाए हैं।

व्यापार और रोजगार को भी मिलेगा बढ़ावा

इस परियोजना से केवल यात्रियों को ही नहीं, बल्कि स्थानीय व्यापारियों और दुकानदारों को भी बड़ा फायदा मिलेगा। स्टेशन पर बढ़ी हुई भीड़, बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और आधुनिक सुविधाएं व्यवसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देंगी।

  • दुकानदारों को मिलेगा ज्यादा फुटफॉल
  • नई दुकानें और सुविधाएं खुलेंगी
  • रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे