उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के लोकबंधु अस्पताल में कल देर रात आग लग गई। जिसके कारण लोगों में भय व्याप्त है। अस्पताल की दूसरी मंजिल पर स्थित महिला वार्ड और आईसीयू में आग लग गई। इससे पूरे फर्श पर धुआँ फैल गया। हालांकि, फायर ब्रिगेड की तत्परता, अस्पताल स्टाफ की चुस्ती और प्रशासनिक अधिकारियों की सूझबूझ के चलते 200 मरीजों को तुरंत सफलतापूर्वक निकालकर दूसरे अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया। अस्पताल में आग लगने की घटना के कुछ वीडियो भी सामने आए हैं। इसे देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस तरह मरीजों की जान बचाई गई।
लखनऊ फायर ब्रिगेड के सीएफओ मंगेश कुमार ने बताया कि हमें रात 9.44 बजे सूचना मिली और सूचना मिलते ही पूरी टीम मौके पर पहुंच गई। जब मैं वहां गया तो मैंने देखा कि लोग आग के कारण भाग रहे थे। कुछ लोग अस्पताल की खिड़कियों से बाहर झांक रहे थे और कूदने की कोशिश कर रहे थे। इसके अलावा कुछ लोग सीढ़ियों से उतरकर भाग रहे थे।
घटनास्थल पर पहुंचने के बाद हमने देखा कि यहां स्थिति गंभीर है और खिड़कियों से कूदने पर लोगों की मौत हो सकती है। ऐसे में टीमों को बांटा गया और फिर कुछ लोगों को सीढ़ी के जरिए तो कुछ को रस्सियों के सहारे बाहर निकाला गया। इस बीच, टीम के कुछ सदस्य आग बुझाने में जुटे रहे। टीम ने मात्र 30 मिनट में आग बुझा दी।
सीएफओ
मंगेश कुमार ने बताया कि रेस्क्यू के दौरान हमारी टीम ने अस्पताल में लगे शीशे तोड़ दिए। इससे क्रॉस वेंटिलेशन की व्यवस्था हुई और बचाव कार्य में तेजी आई। साथ ही, क्रॉस वेंटिलेशन से मरीजों की सांस लेने में कोई बाधा नहीं आई। जिसके कारण उन्हें सुरक्षित निकाला जा सका। आग दूसरी मंजिल पर लगी जबकि धुआं सभी मंजिलों तक पहुंच गया। जिससे लोगों को लगा कि पूरे अस्पताल में आग लग गई है। लेकिन आग केवल दूसरी मंजिल तक ही थी।
जिला मजिस्ट्रेट विशाख जी अय्यर ने कहा कि जैसे ही हमें अस्पताल में आग लगने की सूचना मिली, हमने अग्निशमन और बचाव विभाग की टीमें भेजीं। उन्होंने बचाव अभियान शुरू किया। आग से आईसीयू, महिला वार्ड और एक अन्य वार्ड प्रभावित हुआ। इस वार्ड से सभी मरीजों को बचा लिया गया है और उन्हें तीन अस्पतालों में रेफर कर दिया गया है। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। आग लगने के बाद, अग्निशमन दल, पुलिसकर्मियों और अस्पताल कर्मचारियों की मदद से मरीजों को एक-एक करके बचाया गया।