रोहित शर्मा का बड़ा बयान: “अगर वर्ल्ड कप फाइनल जीतते तो आईसीसी टूर्नामेंट में अपराजेय रहते”

भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने टीम इंडिया की सफलता और पिछले 9 महीनों में क्रिकेट के उतार-चढ़ाव को लेकर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि पिछले तीन आईसीसी टूर्नामेंटों में टीम इंडिया का हर खिलाड़ी सम्मान का हकदार है। भारत ने 2023 वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल को छोड़कर सभी 24 में से 23 मैचों में जीत दर्ज की, जिससे उसकी निरंतरता और संघर्ष का अंदाजा लगाया जा सकता है।

“एक जीत हमें अपराजेय बना सकती थी” – रोहित शर्मा

रोहित शर्मा ने मुंबई इंडियंस के ‘एक्स’ पेज पर साझा किए गए एक वीडियो में कहा,
“अगर हम 2023 वनडे वर्ल्ड कप का फाइनल जीत जाते, तो तीन आईसीसी टूर्नामेंटों में अपराजेय रहते। 24 में से 23 मैच जीतना किसी भी टीम के लिए बड़ी उपलब्धि है। बाहर से यह आसान लगता है, लेकिन इस टीम ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। हमने कठिन समय का सामना किया, लेकिन जश्न मनाने के मौके भी मिले।”

भारत की उपलब्धियां और चुनौतियाँ

  • जीते गए टूर्नामेंट:

    • टी20 वर्ल्ड कप 2024

    • आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025

  • कठिन दौर:

    • न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया से टेस्ट सीरीज में हार

    • आईपीएल 2024 में मुंबई इंडियंस का खराब प्रदर्शन

रोहित ने कहा, “यह उन खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा है जो कठिन दौर से गुजर रहे हैं। क्रिकेट और जीवन में उतार-चढ़ाव आते हैं, लेकिन धैर्य और मेहनत से हम ऊंचाइयों तक पहुंच सकते हैं।”

2022 में शुरू हुआ बदलाव

रोहित ने खुलासा किया कि टीम की मानसिकता में बदलाव 2022 में टी20 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल हारने के बाद आया।
“हमने खिलाड़ियों को स्पष्ट कर दिया कि हम उनसे क्या उम्मीद करते हैं। उन्हें आजादी दी गई ताकि वे बिना किसी डर के खेल सकें। कुछ सीरीज में हार मिली, लेकिन हमने अपनी प्रक्रिया नहीं छोड़ी।”

टी20 से संन्यास और आखिरी लक्ष्य

रोहित ने कहा कि टी20 वर्ल्ड कप 2024 उनका आखिरी टी20 टूर्नामेंट था और वे इसे जीतकर विदाई लेना चाहते थे।
“मुझे पता था कि यह मेरा आखिरी टी20 वर्ल्ड कप है, और मैं इसे जीतना चाहता था। लेकिन यह संभव नहीं होता अगर पूरी टीम ने योगदान न दिया होता। हम एक ग्रुप की तरह खेले और हर खिलाड़ी ने अपनी भूमिका निभाई।”

मुंबई इंडियंस और आईपीएल 2024 का संघर्ष

मुंबई इंडियंस के खराब प्रदर्शन पर रोहित ने कहा,
“आईपीएल 2024 हमारे लिए सबसे खराब दौर था। हमने अपना सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट नहीं खेला। लेकिन असली फोकस वर्ल्ड कप पर था और हम जानते थे कि वहां हमें खुद को साबित करना है।”