
लोकसभा ने गुरुवार देर रात वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को पारित कर दिया। लगभग 13 घंटे चली बहस के बाद हुए मतदान में 288 सांसदों ने विधेयक के पक्ष में और 232 ने विरोध में मतदान किया। अब यह विधेयक राज्यसभा में पेश किया जाएगा, जहां चर्चा और मत विभाजन के बाद इसे पारित कराने की कोशिश होगी।
सरकार के पास राज्यसभा में भी जरूरी समर्थन होने की संभावना जताई जा रही है। बजट सत्र 4 अप्रैल को समाप्त हो रहा है, इसलिए सरकार इस विधेयक को समय पर पारित कराने के लिए प्रयासरत है। दोनों सदनों से पारित होने के बाद यह विधेयक कानून का रूप ले लेगा।
राज्यसभा में मौजूदा स्थिति
राज्यसभा में कुल 236 सदस्य हैं। किसी भी विधेयक को पारित कराने के लिए 119 सांसदों का समर्थन जरूरी होता है। वर्तमान में NDA के पास निर्दलीय और मनोनीत सदस्यों को मिलाकर 125 का आंकड़ा है, जो आवश्यक बहुमत से अधिक है।
विपक्षी गठबंधन इंडिया के पास 95 सदस्य हैं, जबकि 16 सांसद ऐसे हैं जिनके रुख को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है।
NDA के समर्थन में आने वाले दल
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भाजपा – 98
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जेडीयू – 4
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एनसीपी – 3
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टीडीपी – 2
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जेडीएस – 1
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आरपीआई (अठावले) – 1
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शिवसेना (शिंदे गुट) – 1
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एजीपी – 1
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आरएलडी – 1
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यूपीपीएल – 1
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आरएलएम – 1
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पीएमके – 1
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टीएमसी (मेघालय) – 1
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एनपीपी – 1
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निर्दलीय – 2
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मनोनीत – 6
कुल – 125
विधेयक का विरोध करने वाले विपक्षी दल
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कांग्रेस – 27
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टीएमसी – 13
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डीएमके – 10
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आप – 10
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वाईएसआरसी – 7
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आरजेडी – 5
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एसपी – 4
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जेएमएम – 3
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सीपीआईएम – 4
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सीपीआई – 2
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आईयूएमएल – 2
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एनसीपी (पवार गुट) – 2
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शिवसेना (उद्धव गुट) – 2
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एजीएम – 1
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एमडीएमके – 1
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केसीएम – 1
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निर्दलीय – 1
कुल – 95
रुख स्पष्ट नहीं करने वाले दल
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बीआरएस – 4
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बीजेडी – 7
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एआईएडीएमके – 4
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बीएसपी – 1
कुल – 16
सरकार की सफाई
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सदन में विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए विपक्ष के आरोपों को खारिज किया कि यह विधेयक मुस्लिम विरोधी है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक का उद्देश्य शिया और सुन्नी दोनों समुदायों को साथ लाना है।
रिजिजू ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की सरकार अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है, और पारसी समुदाय जैसे छोटे अल्पसंख्यकों को भी संरक्षण देने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “भारत से अधिक अल्पसंख्यक कहीं सुरक्षित नहीं हैं।”
उन्होंने विपक्ष पर देश को बदनाम करने का आरोप लगाया और कहा कि यह कहना गलत है कि देश में अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं हैं। उनके जवाब के बाद सदन में विपक्षी संशोधनों को खारिज करते हुए विधेयक को 232 के मुकाबले 288 मतों से पारित किया गया। साथ ही, मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक 2024 को भी ध्वनिमत से मंजूरी दी गई।
विरोध में खड़े विपक्षी दल
कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक और अन्य विपक्षी दलों ने विधेयक को असंवैधानिक और मुसलमानों की जमीनों पर कब्जा करने वाला बताया।
वहीं भाजपा की सहयोगी पार्टियों जैसे जेडीयू, टीडीपी, एलजेपी (रामविलास), जनसेना, जनता दल (सेक्युलर) और झारखंड की आजसू पार्टी ने विधेयक का समर्थन किया है।
राज्यसभा में अब सभी की नजर उन 16 सांसदों पर है जो किसी पक्ष में स्पष्ट रूप से नहीं हैं। उनकी भूमिका इस विधेयक की दिशा तय करने में अहम होगी।
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