
राजस्थान और गुजरात के बीच रेल मार्ग से सफर करना अब और भी सुविधाजनक और तेज होने वाला है। रेलवे ने आबूरोड-अंबाजी-तरंगा हिल के बीच 116.65 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन परियोजना की घोषणा की है, जिसका निर्माण कार्य तेजी से शुरू हो चुका है। यह प्रोजेक्ट ना केवल दोनों राज्यों को जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगा, बल्कि धार्मिक पर्यटन, आर्थिक विकास और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को भी नया आयाम देगा।
इस रेल मार्ग की खास बात यह है कि यह गुजरात के शक्तिपीठ अंबाजी से होकर गुजरेगा और राजस्थान के सिरोही जिले के कई कस्बों और गांवों को रेलवे नेटवर्क से जोड़ेगा। प्रोजेक्ट की कुल लागत करीब ₹28 अरब आंकी गई है और यह पूरे उत्तर-पश्चिम भारत के विकास में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है।
सुरंगों और पुलों से भरपूर एडवांस्ड रेलवे प्रोजेक्ट
इस रेल परियोजना में 13 सुरंगों का निर्माण किया जाएगा, जिनकी कुल लंबाई 13 किलोमीटर होगी। इन सुरंगों के निर्माण में NATM (New Austrian Tunneling Method) जैसी आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है, जो सुरंग निर्माण में सुरक्षा और स्थायित्व के लिहाज़ से अत्यंत उन्नत मानी जाती है।
इसके अलावा, रेल मार्ग पर बनने वाला सबसे ऊंचा पुल आबूरोड ब्लॉक के सुरपगला गांव के पास होगा, जिसकी ऊंचाई 80 मीटर होगी। इस तरह की संरचनाएं दर्शाती हैं कि यह सिर्फ एक साधारण रेल प्रोजेक्ट नहीं बल्कि आधुनिक भारतीय रेलवे की एक नई पहचान बन रहा है।
सिरोही से साबरकाठा तक: कनेक्ट होंगे चार ज़िले
यह परियोजना राजस्थान के सिरोही और गुजरात के मेहसाणा, साबरकाठा और बनासकाठा जिलों को आपस में जोड़ती है। इससे न सिर्फ दो राज्यों के बीच यातायात सुविधाएं सुधरेंगी, बल्कि स्थानीय निवासियों को भी बेहतर रोजगार, शिक्षा और व्यापारिक अवसर मिल सकेंगे।
रेलवे द्वारा वर्तमान में जमीन समतलीकरण, पेड़ों की कटाई, मिट्टी परीक्षण और अन्य प्राथमिक निर्माण कार्य किए जा रहे हैं। सिरोही के सियावा क्षेत्र के मालियावास गांव में एक बेस कैंप स्थापित किया गया है, जहां से निर्माण कार्यों की निगरानी और योजना बनाई जा रही है।
15 नए स्टेशन और अंबाजी में सबसे बड़ा टर्मिनल
इस रेल प्रोजेक्ट के तहत कुल 15 रेलवे स्टेशन बनाए जाएंगे। इनमें से सबसे बड़ा स्टेशन गुजरात के अंबाजी में बनाया जाएगा, जहां छह मंजिला यात्री विश्रामालय की भी योजना है। यह स्टेशन शक्तिपीठ अंबाजी में होने वाले धार्मिक आयोजनों के दौरान लाखों श्रद्धालुओं के लिए बड़ी राहत बनेगा।
अंबाजी स्टेशन पर प्रस्तावित सुविधाओं में शामिल होंगे:
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विशाल प्रतीक्षालय
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क्लीनिक और फर्स्ट एड सेंटर
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हाई-स्पीड टिकट बुकिंग काउंटर
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आधुनिक शौचालय और कैफेटेरिया
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भक्तों के लिए धर्मशाला जैसी सुविधा
रेल मंत्री और रेलवे अधिकारियों का निरीक्षण: काम को मिली गति
उत्तर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक अमिताभ ने इस महीने की शुरुआत में आबूरोड-अंबाजी रेलखंड का दौरा किया और निर्माण कार्यों की प्रगति का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को प्रोजेक्ट को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के निर्देश दिए हैं। इससे साफ है कि सरकार और रेलवे प्रशासन इस प्रोजेक्ट को लेकर गंभीर और प्रतिबद्ध हैं।
धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बड़ा बूस्ट
यह रेल लाइन धार्मिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। अंबाजी, जो गुजरात का प्रसिद्ध शक्तिपीठ है, वहां तक सीधी ट्रेन पहुंचने से श्रद्धालुओं को भारी राहत मिलेगी। अभी तक वहां पहुंचने के लिए या तो बस या फिर निजी वाहन का ही सहारा होता था। लेकिन अब ट्रेन से सीधा, सस्ता और आरामदायक सफर संभव होगा।
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