
राजस्थान सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में यातायात सुविधाओं को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य में 19 पुराने बस स्टैंड को नए रूप में विकसित किया जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य स्थानीय कनेक्टिविटी को मजबूत करना, यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देना और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देना है। अब छोटे शहरों और कस्बों में भी आधुनिक सुविधाओं से युक्त बस स्टेशन दिखाई देंगे।
तेज हुई बस स्टैंड निर्माण प्रक्रिया
राजस्थान रोडवेज प्रशासन ने बस स्टेशनों के निर्माण और नवीनीकरण की प्रक्रिया को गति दी है। फिलहाल 28 स्थानों पर मरम्मत और विकास कार्य शुरू हो चुका है। अब तक यह माना जाता रहा है कि बस स्टैंड केवल बड़े शहरों या जिला मुख्यालयों के लिए बनाए जाते हैं, लेकिन अब यह धारणा बदली जा रही है।
छोटे कस्बों में भी यात्रियों को आरामदायक बैठने की जगह, साफ-सुथरे शौचालय, खाने-पीने की दुकानें और खरीदारी के लिए आउटलेट्स जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इन बस स्टेशनों का निर्माण बीओटी (बिल्ट-ऑपरेट-ट्रांसफर) मॉडल पर किया जा रहा है, जिससे ये शॉपिंग मॉल जैसे सुविधायुक्त बनेंगे।
बजट में भी हुआ प्रावधान
राज्य सरकार ने बजट में नई बसें खरीदने, बस स्टैंड विकसित करने और वर्कशॉप की मरम्मत के लिए विशेष राशि का प्रावधान किया है। हालांकि कुछ कस्बों में रोडवेज के पास भूमि की कमी के कारण चुनौतियां भी हैं, लेकिन प्रशासन इन क्षेत्रों में जमीन उपलब्ध कराने के लिए तेजी से काम कर रहा है।
इन स्थानों पर बन रहे हैं नए बस स्टैंड
- कामां (डीग) – ₹1.65 करोड़
- रूपवास (भरतपुर) – ₹1.65 करोड़
- डीग (मुख्यालय) – ₹2.75 करोड़
- बनेड़ा (भीलवाड़ा)
- श्रीडूंगरगढ़ (बीकानेर)
- महुवा (दौसा)
- सपोटरा (करौली)
- खंडेला (सीकर)
- मनोहरथाना (झालावाड़)
- खींवसर (नागौर) – ₹1.65 करोड़
सर्वे के लिए चयनित स्थान
- पचपदरा (बालोतरा)
- शिवगंज (सिरोही)
- बिलाडा
- आहोर (जालौर)
डिपो बनेंगे इन जगहों पर
- लाडनू (डीडवाना-कुचामन)
- हनुमानगढ़
- केकड़ी (अजमेर)
- गंगापुर सिटी (सवाई माधोपुर)
- निवाई
- कोटड़ा
- बयाना
- झाड़ौल
ग्रामीण क्षेत्रों को मिलेगा सीधा लाभ
इस परियोजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में रोडवेज बसों की संख्या बढ़ाई जा सकेगी, जिससे लोगों को आवागमन के लिए बेहतर विकल्प उपलब्ध होंगे। यह कदम न केवल यात्रियों की सुविधा बढ़ाएगा, बल्कि स्थानीय विकास और रोजगार के अवसरों को भी बढ़ावा देगा। रोडवेज के बेड़े में बसों की संख्या में भी उल्लेखनीय इजाफा होने की उम्मीद है।
यह योजना राजस्थान के छोटे कस्बों को परिवहन के नक्शे पर प्रमुख स्थान दिलाने की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास है।
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