रक्तदान: कितनी बार किया जा सकता है और किन लोगों को इससे बचना चाहिए?

 

रक्तदान: कितनी बार किया जा सकता है और किन लोगों को इससे बचना चाहिए?
रक्तदान: कितनी बार किया जा सकता है और किन लोगों को इससे बचना चाहिए?

रक्तदान को जीवनदान कहा जाता है, और यह एक ऐसा कार्य है जो किसी जरूरतमंद की जान बचा सकता है। डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय है कि हर स्वस्थ व्यक्ति को समय-समय पर रक्तदान जरूर करना चाहिए। लेकिन यह सवाल अक्सर लोगों के मन में आता है कि एक व्यक्ति कितनी बार रक्तदान कर सकता है और किन परिस्थितियों में यह सुरक्षित नहीं होता।

रक्तदान के फायदे

डॉक्टरों के अनुसार, रक्तदान न केवल दूसरों के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह स्वयं रक्तदाता के स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होता है। नियमित रक्तदान से शरीर में आयरन का स्तर संतुलित रहता है, जिससे हृदय रोगों का खतरा कम हो जाता है। साथ ही, नया रक्त बनने की प्रक्रिया तेज होती है, जिससे रक्त की गुणवत्ता सुधरती है और शरीर अधिक ऊर्जावान महसूस करता है।

साल में कितनी बार किया जा सकता है रक्तदान?

सर गंगा राम अस्पताल, नई दिल्ली में प्रिवेंटिव हेल्थ एंड वेलनेस डिपार्टमेंट की डायरेक्टर डॉ. सोनिया रावत बताती हैं कि एक स्वस्थ व्यक्ति हर आठ हफ्ते में एक बार रक्तदान कर सकता है। यानी साल में चार से छह बार रक्तदान करना सुरक्षित माना जाता है। हालांकि, यह तभी संभव है जब व्यक्ति पूरी तरह स्वस्थ हो और किसी प्रकार की बीमारी या संक्रमण से ग्रसित न हो।

किन लोगों को रक्तदान से बचना चाहिए?

हालांकि रक्तदान एक पुण्य का कार्य है, लेकिन कुछ स्थितियों में यह करना उचित नहीं होता। डॉक्टरों के अनुसार, निम्नलिखित लोग रक्तदान करने से बचें:

  • गर्भवती महिलाएं या जो स्तनपान करवा रही हों
  • जिनका हीमोग्लोबिन या आयरन लेवल कम हो
  • हाल ही में किसी बड़ी सर्जरी या बीमारी से उबरे व्यक्ति
  • हृदय रोग, उच्च रक्तचाप या मधुमेह के मरीज (डॉक्टर की सलाह आवश्यक)
  • हेपेटाइटिस, एचआईवी, सिफलिस जैसी संक्रामक बीमारियों से पीड़ित लोग
  • अत्यधिक शराब पीने वाले या नशे की लत रखने वाले व्यक्ति

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