योगी आदित्यनाथ ने वक्फ बिल पर उठे विरोध को बताया अनुचित, मुस्लिम समाज को भी मिलेगा लाभ

योगी आदित्यनाथ ने वक्फ बिल पर उठे विरोध को बताया अनुचित, मुस्लिम समाज को भी मिलेगा लाभ
योगी आदित्यनाथ ने वक्फ बिल पर उठे विरोध को बताया अनुचित, मुस्लिम समाज को भी मिलेगा लाभ

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि देश में जब भी कोई अच्छी पहल होती है, तो कुछ लोग उसका विरोध जरूर करते हैं। उन्होंने वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर हो रहे विरोध को भी इसी श्रेणी में रखा। उनका मानना है कि यह बदलाव मुस्लिम समाज के लिए भी लाभकारी साबित होगा।

योगी ने सवाल उठाते हुए कहा कि वक्फ ने अब तक ऐसा कौन-सा काम किया है जिससे समाज का व्यापक कल्याण हुआ हो। उन्होंने यह भी जोड़ा कि यदि सर्व समाज की बात छोड़ दें, तो क्या मुस्लिम समाज को ही इससे कोई वास्तविक लाभ मिला है। उनके अनुसार, वक्फ बोर्ड कुछ लोगों के निजी स्वार्थ का अड्डा बन गया है, जहां सरकारी संपत्तियों पर अवैध कब्जे किए जाते हैं और इसका इस्तेमाल केवल कुछ व्यक्तियों की लूट के लिए होता है।

उन्होंने जोर देकर कहा कि समय के साथ रिफॉर्म यानी सुधार की आवश्यकता होती है। हर सुधार का पहले विरोध होता है, लेकिन देश, काल और परिस्थिति के अनुसार बदलाव जरूरी हैं। योगी के मुताबिक, यह बिल न केवल व्यवस्था में सुधार लाएगा बल्कि कई बार जो कानून-व्यवस्था की समस्याएं उत्पन्न होती हैं, उनसे भी राहत मिलेगी।

“मैं खुद को विशेष नहीं मानता”

पीटीआई को दिए एक साक्षात्कार में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वह एक सामान्य नागरिक की तरह काम करते हैं। उनके अनुसार, वह अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियां पूरी करने को ही सर्वोपरि मानते हैं। उन्होंने कहा कि उनके लिए राष्ट्र सबसे ऊपर है। यदि देश सुरक्षित है तो धर्म भी सुरक्षित रहेगा, और जब धर्म सुरक्षित होता है, तो समाज के कल्याण का मार्ग खुलता है।

सड़क पर नमाज को लेकर कही स्पष्ट बात

मुख्यमंत्री ने सड़क पर नमाज पढ़ने के मुद्दे पर भी खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि त्योहारों के दौरान कई घंटे सड़कें जाम करना ठीक नहीं है। नमाज के लिए ईदगाह और मस्जिदें हैं, न कि सड़कें। सड़कें चलने के लिए होती हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि प्रयागराज में जब 66 करोड़ लोग कुंभ मेले में आए, तब भी कोई अव्यवस्था नहीं हुई। न तो लूटपाट हुई, न आगजनी, न ही छेड़खानी या कोई हिंसा। यह धार्मिक अनुशासन का प्रतीक है।

योगी ने कहा कि पर्व और त्योहारों को अनुशासन के साथ मनाया जाना चाहिए, न कि उन्माद फैलाने के बहाने के रूप में इस्तेमाल किया जाना चाहिए। यदि किसी को धार्मिक आयोजन के लिए सुविधा चाहिए, तो उसे उसके साथ जुड़े अनुशासन को भी स्वीकार करना होगा।

कांवड़ यात्रा और मुस्लिम जुलूसों की तुलना

मुख्यमंत्री ने सड़क पर नमाज और कांवड़ यात्रा की तुलना को लेकर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा हरिद्वार से शुरू होकर गाजियाबाद और अन्य क्षेत्रों तक जाती है और यात्री स्वाभाविक रूप से सड़क पर ही चलते हैं। उन्होंने बताया कि पारंपरिक मुस्लिम जुलूसों को कभी रोका नहीं गया। मुहर्रम के जुलूस हर साल निकलते हैं और उन्हें अनुमति दी जाती है।

हालांकि, सुरक्षा कारणों से ताजिया के आकार को छोटा करने की सलाह दी जाती है, ताकि वह हाई टेंशन तारों से न टकराए। यही नियम कांवड़ यात्रा पर भी लागू होता है, जहां उनसे भी डीजे की साइज कम करने को कहा जाता है। उन्होंने कहा कि कानून सभी के लिए बराबर है और सभी पर समान रूप से लागू होता है।

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