
पहले के समय में हार्ट अटैक को मिडल और ओल्ड एज के लिए एक सामान्य समस्या माना जाता था, लेकिन अब हालात बदल गए हैं। आजकल, यह बीमारी युवाओं को भी तेजी से अपनी चपेट में ले रही है, खासकर 20 और 30 वर्ष के आयु वर्ग के लोग इससे प्रभावित हो रहे हैं। कई मामलों में तो यह बीमारी इतनी गंभीर हो जाती है कि यंग एज में ही मौत हो जाती है।
कम उम्र में हार्ट अटैक के कारण
हाल की स्टडीज़ से यह पता चला है कि खराब खानपान, तनाव, मॉडर्न लाइफस्टाइल, हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल जैसे कारणों से हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ रहा है। इसके अलावा, लंबे समय तक बैठकर काम करना, स्मोकिंग, शराब का सेवन और मोटापा भी इस खतरे को बढ़ाते हैं। बहुत कम उम्र में हार्ट डिजीज के बढ़ते मामलों ने हेल्थ एक्सपर्ट्स को हैरान कर दिया है।
कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर का असर
एक प्रमुख दवा कंपनी के अध्ययन में यह पाया गया कि युवा भारतीयों में एब्नॉर्मल कोलेस्ट्रॉल लेवल काफी आम है। इस रिसर्च में लाइफस्टाइल और डायबिटीज से जुड़ी समस्याओं को एक बड़ा रिस्क फैक्टर माना गया है। इसके अलावा, एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि 35 से 45 वर्ष की उम्र के लोगों में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या तेजी से बढ़ रही है। स्मोकिंग, मोटापा, फैमिली हिस्ट्री और शराब का सेवन इसके मुख्य कारणों में से हैं। यह सब मिलकर युवाओं में दिल की बीमारियों का कारण बन रहे हैं।
मॉडर्न लाइफस्टाइल और स्ट्रेस का असर
पटना मेडिकल कॉलेज के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. उपेंद्र नारायण सिंह के अनुसार, हाल की रिसर्च में यह सामने आया है कि 40 वर्ष से कम उम्र के लोगों में दिल की बीमारियां बढ़ रही हैं। भारत में यह समस्या विकसित देशों की तुलना में ज्यादा जल्दी और बार-बार देखी जा रही है, और इसका कारण मॉडर्न लाइफस्टाइल, स्ट्रेस और खराब आदतें हैं।
हार्ट डिजीज से बचाव संभव है
चिंताजनक स्थिति के बावजूद, एक अच्छी खबर यह है कि हार्ट डिजीज से बचाव संभव है। अगर युवा वर्ग समय रहते सही कदम उठाए, तो वे अपने दिल को सेहतमंद रख सकते हैं। रेगुलर हेल्थ चेकअप से कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर और शुगर के स्तर पर नजर रखी जा सकती है, जिससे समस्याओं का जल्दी पता चल सकता है। इसके अलावा, खानपान में सुधार भी जरूरी है। फल, सब्जियां, साबुत अनाज और जैतून के तेल का सेवन बढ़ाने से दिल को लाभ मिलता है। वहीं, प्रोसेस्ड फूड और शुगर की मात्रा को कम करना चाहिए।
युवाओं के लिए हार्ट डिजीज से बचने के उपाय
- फिजिकल एक्टिविटी – हफ्ते में कम से कम 5 दिन, 30 मिनट की हल्की-फुल्की कसरत करें। यह दिल की सेहत को बनाए रखने में मदद करता है।
- स्ट्रेस कम करें – योग और ध्यान जैसी विधियों से मानसिक शांति पाने की कोशिश करें।
- प्रोपर स्लीप – पर्याप्त नींद लेने से तनाव कम होता है और हार्ट हेल्थ बेहतर रहती है।
- स्मोकिंग और शराब से बचें – ये दोनों आदतें दिल के लिए बेहद हानिकारक हैं।
- पॉल्यूशन से बचाव – बढ़ते पॉल्यूशन से बचने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं और पर्यावरण के प्रति जागरूक रहें।
हल्दी और करक्यूमिन के बीच अंतर: जानें कौन सा आपके लिए फायदेमंद है