
म्यांमार में 28 मार्च को आए 7.7 तीव्रता के भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। अब तक 1500 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और आशंका है कि यह आंकड़ा 10 हजार तक पहुंच सकता है। हालांकि यह भूकंप बेहद भयावह था, लेकिन 21वीं सदी में आए सबसे विनाशकारी भूकंपों में यह शीर्ष 10 में शामिल नहीं है।
पिछले 25 सालों में दुनिया भर में आए 10 सबसे बड़े भूकंपों में लगभग 6 लाख लोगों की जान गई, हजारों लोग लापता हो गए और करोड़ों लोग बेघर हो गए। इन आपदाओं ने एशिया, यूरोप, अफ्रीका और अमेरिका के कई देशों में भारी नुकसान पहुंचाया।
21वीं सदी के 10 सबसे विनाशकारी भूकंप:
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2004 हिंद महासागर भूकंप और सुनामी (9.2-9.3 तीव्रता): 2.30 लाख मौतें – इंडोनेशिया, भारत, श्रीलंका, थाईलैंड सहित 14 देशों में तबाही।
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2010 हैती भूकंप (7.0 तीव्रता): 2-3 लाख मौतें – राजधानी पोर्ट-ओ-प्रिंस के पास भारी नुकसान।
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2008 सिचुआन (चीन) भूकंप (7.9 तीव्रता): 87,587 मौतें – सिचुआन प्रांत में भारी तबाही।
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2005 कश्मीर भूकंप (7.6 तीव्रता): 87,351 मौतें – पाकिस्तान और भारत के जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में विनाश।
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2023 तुर्की-सीरिया भूकंप (7.8 तीव्रता): 62,013 मौतें – तुर्की और सीरिया में हजारों इमारतें ध्वस्त।
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2003 बाम (ईरान) भूकंप (6.6 तीव्रता): 26,000 मौतें – बाम शहर में 75% इमारतें नष्ट।
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2001 गुजरात (भारत) भूकंप (7.7 तीव्रता): 20,085 मौतें – कच्छ जिले में भारी तबाही।
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2011 तोहोकू (जापान) भूकंप और सुनामी (9.0 तीव्रता): 19,759 मौतें – फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट में रेडिएशन रिसाव।
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2015 नेपाल भूकंप (7.8 तीव्रता): 8,964 मौतें – काठमांडू घाटी में ऐतिहासिक धरोहरों को नुकसान, भारत में भी 51 मौतें।
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2006 योग्याकार्ता (इंडोनेशिया) भूकंप (6.4 तीव्रता): 5,782 मौतें – योग्याकार्ता में भारी तबाही।
भारत में आए बड़े भूकंप:
भारत में 21वीं सदी में तीन बड़े भूकंप आए – 2001 गुजरात भूकंप, 2005 कश्मीर भूकंप और 2015 नेपाल भूकंप (जिसका असर भारत में भी पड़ा)। इन भूकंपों में 30,000 से अधिक लोगों की जान गई और लाखों लोग प्रभावित हुए।
म्यांमार में हालिया भूकंप:
म्यांमार में शनिवार दोपहर 3:30 बजे 5.1 तीव्रता का एक और भूकंप आया। इससे पहले शुक्रवार को 7.7 तीव्रता के भूकंप ने भारी तबाही मचाई थी। यूनाइटेड स्टेट जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के अनुसार, मृतकों की संख्या 10 हजार से अधिक हो सकती है। भूकंप के झटके थाईलैंड, बांग्लादेश, चीन और भारत तक महसूस किए गए थे।