
भूकंप का प्रभाव
शुक्रवार को म्यांमार के मध्य क्षेत्र में 7.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, जिसने राजधानी नेपीडॉ सहित कई इलाकों में तबाही मचा दी। इस भूकंप के झटके चीन, थाईलैंड और भारत के कुछ हिस्सों में भी महसूस किए गए। म्यांमार की सैन्य सरकार के अनुसार, अब तक 694 लोगों की मौत हो चुकी है और 1670 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। यह आंकड़ा और बढ़ सकता है।
मस्जिदों को नुकसान
भूकंप के समय शुक्रवार की नमाज अदा की जा रही थी। इस दौरान 50 से अधिक मस्जिदें पूरी तरह से ढह गईं। प्रभावित मस्जिदों में क्यौक सी सुलेकोन, ताउंग सिन क्योने, मांडले वेस्ट सिलाई, श्वे बोनेशिन, ताउंगू कांताव, तातार ऊ मायितथायत, सकावा नॉर्थ, साक्वा ताउंग, पाहेब्वे मायोथिट, लेवेई, पालिक मायोमा, चान मायथा सी गाइशा, यामेथिन मायोथिन, पायिनमाना, पलक मायोमा, सागाइंग, ज़ी पिन पाउट, श्वे बो सिन, रॉन, कंथार कोने, अमौक टैन, थारसी, मीकटिला सिटी, मांडले थर्ड, टाइटन, उत्तर ओबो, स्टार गैलेक्सी और शादी मस्जिदें शामिल हैं।
थाईलैंड में नुकसान
थाईलैंड के सीमावर्ती क्षेत्रों में भी भूकंप का असर देखा गया। बैंकॉक में एक ऊंची इमारत के ढहने से 10 लोगों की मौत हो गई और 70 से अधिक लोग लापता हैं। बताया गया कि वे निर्माणाधीन इमारत के मलबे में फंसे हो सकते हैं।
भूकंप का केंद्र और झटके
अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, भूकंप का केंद्र मांडले में 10 किलोमीटर की गहराई में था और यह दोपहर 12:50 बजे आया। इसके बाद 6.4 तीव्रता के झटके भी महसूस किए गए। बैंकॉक सहित उत्तरी थाईलैंड में लोग इमारतों से बाहर भागे। बैंकॉक की मेट्रो और लाइट रेल सेवाएं भी रोक दी गईं। वियतनाम में भी हल्के झटके महसूस हुए।
चीन में भी असर
चीन के युन्नान प्रांत में भूकंप के झटके दर्ज किए गए। बीजिंग की भूकंप एजेंसी ने इसे 7.9 तीव्रता का बताया। म्यांमार में पहले भी बड़े भूकंप आते रहे हैं। सागाइंग फॉल्ट के पास 1930 से 1956 के बीच छह बार 7.0 या उससे अधिक तीव्रता के भूकंप आए हैं। हालिया भूकंप के झटके भारत के कोलकाता और इंफाल तक महसूसकिए गए।